ल यातायात को सुगम बनाने और ट्रेनों की रफ्तार बढ़ाने के उद्देश्य से शुरू हुआ समस्तीपुर-दरभंगा रेलखंड दोहरीकरण प्रोजेक्ट अब अपने अंतिम चरण में है। हालांकि इस परियोजना को महज तीन वर्षों में पूरा किया जाना था, लेकिन एक दशक बीत जाने के बाद भी यह कार्य अधूरा है। अब रेलवे युद्धस्तर पर इसे पूरा करने में जुटा है।

वर्ष 2015 में ₹519 करोड़ की लागत से शुरू हुआ समस्तीपुर-दरभंगा दोहरीकरण परियोजना अब तक सिर्फ 28 किलोमीटर के ट्रैक तक ही पहुंच पाई है, जबकि कुल 40 किलोमीटर का काम निर्धारित था। इस प्रोजेक्ट को तीन चरणों में पूरा किया जाना था, लेकिन बार-बार की देरी और तकनीकी अड़चनों के चलते अब इसे पाँच चरणों में विभाजित कर कार्य आगे बढ़ाया जा रहा है।

वर्तमान में रामभद्रपुर-हायाघाट-थलवारा खंड में कार्य प्रगति पर है, जहां पांच बड़े पुलों में से तीन का निर्माण पूर्ण हो चुका है। पुल संख्या 15, 15ए और 17 का काम पूरा हो गया है, जबकि पुल संख्या 14 और 16 पर निर्माण कार्य जारी है। अब तक 28 में से 17 गाटरों को स्थापित किया जा चुका है और शेष 11 पर कार्य नवंबर तक पूर्ण होने की उम्मीद है।

रेलवे अधिकारियों के अनुसार, अर्थ वर्क लगभग पूरा हो चुका है और जैसे ही पुलों का निर्माण पूरा होगा, दोहरी लाइन पर ट्रेनों का परिचालन शुरू कर दिया जाएगा। डीआरएम विनय श्रीवास्तव ने बताया कि कोरोना महामारी के चलते दो वर्षों तक काम प्रभावित रहा, लेकिन अब काम तेजी से चल रहा है।


निर्माण विभाग के इंजीनियरों ने जानकारी दी कि नवंबर 2025 तक पूरा प्रोजेक्ट कार्यान्वित हो जाएगा, जिससे न केवल ट्रेनों की गति बढ़ेगी बल्कि समस्तीपुर-दरभंगा रूट पर जाम की समस्या से भी यात्रियों को राहत मिलेगी।


