बिहार विधानसभा चुनावी सरगर्मी के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) शुक्रवार को जननायक कर्पूरी ठाकुर की जन्म और कर्मभूमि से मिथिलांचल के चुनावी अभियान की शुरुआत करेंगे। समस्तीपुर के दुधपुरा में उनकी जनसभा को राजनीतिक रूप से बेहद अहम माना जा रहा है। प्रधानमंत्री की यह समस्तीपुर में चौथी सभा होगी। इससे पहले वे दो बार जितवारपुर और एक बार सरायरंजन में जनसभा कर चुके हैं।
प्रधानमंत्री मोदी का यह दौरा मिथिलांचल की 30 विधानसभा सीटों पर एनडीए की पकड़ मजबूत करने की रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है। वहीं, विपक्षी महागठबंधन के लिए यह दौरा चिंता का विषय बन गया है। खास बात यह है कि भारत रत्न से सम्मानित जननायक कर्पूरी ठाकुर की जन्मभूमि पर यह प्रधानमंत्री का पहला आगमन होगा।
केंद्रीय मंत्री और जननायक के पुत्र रामनाथ ठाकुर ने कहा कि — “प्रधानमंत्री के आगमन का हम सभी बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। जनमानस उनके स्वागत के लिए उत्साहित है।” पीएम मोदी कर्पूरीग्राम में कर्पूरी ठाकुर की प्रतिमा पर माल्यार्पण करेंगे और उनके परिजनों से भी मुलाकात करेंगे।
पीएम मोदी का मिशन मिथिलांचल
एनडीए की रणनीति इस दौरे के जरिए विकास बनाम जातीय समीकरण की नई बहस छेड़ने की है। कार्यक्रम का मकसद सिर्फ उपलब्धियों का जश्न नहीं, बल्कि राजनीतिक संतुलन को साधने की कोशिश भी है। पीएम मोदी की यह सभा मिथिलांचल (समस्तीपुर, दरभंगा, मधुबनी) की 30 सीटों को साधने का प्रयास मानी जा रही है।
2020 के चुनाव में एनडीए को इन तीन जिलों की 30 में से 22 सीटें मिली थीं, जबकि महागठबंधन को 8 सीटें। दरभंगा में 9, मधुबनी में 8 और समस्तीपुर में 5 सीटें एनडीए के खाते में आई थीं। समस्तीपुर की स्थिति तुलनात्मक रूप से कमजोर रही थी, जहां दोनों गठबंधनों को बराबर-बराबर सीटें मिली थीं। माना जा रहा है कि इस बार पीएम मोदी के दौरे से एनडीए समस्तीपुर में अपना प्रदर्शन बेहतर करने की कोशिश करेगा।
अति पिछड़े समाज को साधने की कोशिश
प्रधानमंत्री की समस्तीपुर सभा का एक बड़ा संदेश अति पिछड़ा वर्ग के वोटरों के लिए भी माना जा रहा है। केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि — “ठगबंधन और लठबंधन के नेता खुद को जननायक बताते हैं, लेकिन सच्चे जननायक के सम्मान में प्रधानमंत्री मोदी स्वयं आ रहे हैं।”
बिहार की राजनीति में कर्पूरी ठाकुर का असर
17 फरवरी 1988 को कर्पूरी ठाकुर के निधन के बाद से ही वे बिहार की राजनीति के केंद्र बिंदु बने हुए हैं। विधानसभा हो या लोकसभा चुनाव — सभी दलों ने उनके नाम और विचारों को अपने-अपने तरीके से भुनाया। यहां तक कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी अपने भाषणों में कर्पूरी ठाकुर के विचारों का उल्लेख किया।
भारत रत्न देने के मुद्दे पर वर्षों तक चली राजनीति को मोदी सरकार ने अंजाम तक पहुंचाया। इसी कारण प्रधानमंत्री का यह दौरा विपक्ष के लिए राजनीतिक चुनौती बन गया है।
मोदी के साथ मंच पर होंगे 34 नेता
प्रधानमंत्री मोदी के साथ मंच पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, विजय कुमार सिन्हा, मंत्री विजय कुमार चौधरी, महेश्वर हजारी, केंद्रीय मंत्रीगण, सांसद और सभी एनडीए प्रत्याशी मौजूद रहेंगे। एनडीए घटक दलों के जिलाध्यक्ष भी मंच साझा करेंगे। कुल 34 कुर्सियों वाला यह मंच एनडीए एकजुटता का प्रतीक माना जा रहा है।


