समस्तीपुर जिले के औरा गांव में चल रहे श्री श्री 108 विष्णु महायज्ञ का तीसरा दिन श्रद्धा और शिक्षा दोनों का संगम लेकर आया।

देशभर में अपने आध्यात्मिक प्रवचनों के लिए प्रसिद्ध कथावाचिका जया किशोरी ने भक्तों को सिर्फ भक्ति का मार्ग नहीं दिखाया, बल्कि शिक्षा के महत्व को भी जीवन की सबसे बड़ी पूंजी बताया।

मंगलवार की संध्या, हसनपुर के औरा गांव में भक्ति की धारा बही, जिसमें शिक्षा का दीप भी जलाया गया। कथा के दौरान जया किशोरी ने न केवल आध्यात्मिक ज्ञान साझा किया, बल्कि शिक्षा को आत्मनिर्भरता, सफलता और सामाजिक जागरूकता की कुंजी बताया। उन्होंने कहा, “शिक्षा हमें सिर्फ किताबों का ज्ञान नहीं देती, बल्कि सोचने, समझने और समाज में अपनी जगह बनाने का भी रास्ता देती है।”

उन्होंने यह भी बताया कि जीवन में सुख-दुख तो आते-जाते रहेंगे, लेकिन भक्ति हमें कठिन परिस्थितियों में भी संतुलन बनाए रखने की शक्ति देती है। जया किशोरी ने कहा, “भक्ति कोई दुखों को समाप्त नहीं करती, यह सिखाती है कि दुखों में कैसे जिया जाए।”


बेगूसराय, खगड़िया और समस्तीपुर के विभिन्न इलाकों से हजारों की संख्या में लोग इस प्रवचन को सुनने पहुंचे। आयोजकों के अनुसार, महायज्ञ 31 मई तक जारी रहेगा और हर दिन किसी न किसी सामाजिक और आध्यात्मिक विषय पर चर्चा की जाएगी।


