बिहार में डेंगू के बढ़ते मामलों ने स्वास्थ्य व्यवस्था को हिला कर रख दिया है। राजधानी पटना डेंगू का मुख्य केंद्र बन गया है, जहां हर दिन नए मामले सामने आ रहे हैं। हाल ही में एक 16 वर्षीय किशोर की इस बीमारी से मौत ने स्थिति की गंभीरता को और बढ़ा दिया है।
राजधानी पटना में डेंगू का प्रकोप तेजी से फैल रहा है, जिससे स्वास्थ्य विभाग की चिंताएं बढ़ गई हैं। गुरुवार को पटना के एनएमसीएच में भर्ती नौबतपुर के 16 वर्षीय आर्यन की प्लेटलेट्स की कमी के कारण मौत हो गई। आर्यन पहले से ही पीलिया से पीड़ित था, जिससे उसकी हालत और बिगड़ गई थी। पटना में डेंगू से यह तीसरी मौत है, इसके पहले एक बुजुर्ग और एक महिला की भी जान जा चुकी है।
बिहार में डेंगू के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। गुरुवार को राज्य भर में 50 नए मामले दर्ज किए गए, जिनमें से 18 अकेले पटना से थे। पटना के बाद सबसे ज्यादा मामले समस्तीपुर से सामने आए हैं, जहां अब तक 40 लोग डेंगू से प्रभावित हो चुके हैं। जनवरी 2024 से अब तक पूरे राज्य में 646 लोग इस बीमारी की चपेट में आ चुके हैं, जिसमें 265 मामले पटना से ही हैं। राज्य के विभिन्न अस्पतालों में डेंगू मरीजों के लिए विशेष व्यवस्था की गई है, जिसमें पीएमसीएच, एनएमसीएच, आईजीआईएमएस और एआईआईएमएस जैसे बड़े अस्पतालों में मुफ्त जांच की सुविधा उपलब्ध है।
डेंगू से निपटने के लिए पटना नगर निगम ने फॉगिंग और एंटी लार्वा स्प्रे का अभियान शुरू किया है। पटना डीएम डॉ. चंद्रशेखर सिंह ने सिविल सर्जन और नगर निकायों के अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए हैं कि वे डेंगू के प्रसार को रोकने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाएं।