Interchange Charge: अब UPI से लोन लेना होगा महंगा, NPCI कर रहा है बड़ी तैयारी.

यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) के माध्यम से लोन लेना अब महंगा हो जाएगा, क्योंकि नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) नए नियम लागू करने की तैयारी में है। NPCI जल्द ही UPI ट्रांजैक्शन पर क्रेडिट लाइन के लिए 1.2 फीसदी इंटरचेंज शुल्क के संबंध में नोटिफिकेशन जारी कर सकता है। मनीकंट्रोल ने कई सूत्रों के हवाले से बताया कि NPCI अगले सप्ताह इस संबंध में सर्कुलर जारी कर सकता है। UPI पर क्रेडिट लाइन एक प्री-अप्रूव्ड लोन होता है, जो उन ग्राहकों के लिए उपलब्ध है जिनके पास उनके UPI आईडी से जुड़ा बैंक अकाउंट है।

   

आसान भाषा में कहें, तो मान लीजिए आपने किसी बैंक से लोन लिया और लोन की राशि UPI के जरिए आपके खाते में क्रेडिट हुई। इस ट्रांजैक्शन में इंटरचेंज चार्ज बैंक और UPI ने वहन किया है। लेकिन जब इंटरचेंज का बोझ 1.2 फीसदी से अधिक होगा, तो इसका असर यूजर्स पर भी पड़ सकता है।

यह क्रेडिट सुविधा UPI प्लेटफॉर्म पर भाग लेने वाले विभिन्न बैंकों से अलग-अलग उत्पाद की पेशकश कर सकती है। इंटरचेंज प्रत्येक लेनदेन के लिए मर्चेंट के क्रेडिट जारीकर्ता को दिया जाने वाला शुल्क है, जो ट्रांजेक्शन सुविधा के लिए बैंकों को दिए जाने वाले मर्चेंट डिस्काउंट रेट का 90 फीसदी है। क्रेडिट जारीकर्ता को इंटरचेंज का पूरा 100 फीसदी मिलता है, जबकि अन्य, जैसे कार्ड नेटवर्क, ग्राहक बैंक अकाउंट, मर्चेंट बैंक और NPCI को 5-15 बेसिस प्वाइंट (BPS) मिलते हैं। यह शुल्क मर्चेंट भुगतान करते हैं, उपभोक्ताओं को ट्रांजेक्शन में किसी भी तरह का अतिरिक्त खर्च नहीं उठाना पड़ता है।

 

NPCI, बैंकों और UPI ऐप्स के बीच रेवेन्यू शेयर और वर्क फंक्शन को लेकर बातचीत जारी है। फोनपे, गूगल पे और पेटीएम जैसे थर्ड पार्टी ऐप्स को हर ट्रांजैक्शन पर 0.08 फीसदी या 8 बेसिस पॉइंट कमीशन मिलने की संभावना है। पर्सन टू पर्सन (P2P) लेनदेन या पीयर-टू-पीयर-मर्चेंट (P2PM) लेनदेन पर इंटरचेंज शुल्क लागू नहीं होगा। इसलिए, अगर आप दोस्तों, परिवार या किसी अन्य व्यक्ति या छोटे व्यवसाय व्यापारी के बैंक खाते में पैसे भेज रहे हैं, तो इस पर इंटरचेंज शुल्क नहीं लगेगा।

   

Leave a Comment