Three Maoists Surrender Before The DGP : मुंगेर के हवेली खड़गपुर में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान राज्य के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) विनय कुमार के समक्ष तीन माओवादियों ने आत्मसमर्पण किया। आत्मसमर्पण करने वालों में जोनल कमांडर नारायण कोड़ा, सब-जोनल कमांडर बहादुर कोड़ा और सक्रिय सदस्य विनोद कोड़ा शामिल हैं।
नारायण कोड़ा और बहादुर कोड़ा पर सरकार ने तीन-तीन लाख रुपये का इनाम घोषित कर रखा था। नारायण कोड़ा के खिलाफ 23 मामले, बहादुर कोड़ा के खिलाफ 24 मामले और विनोद कोड़ा के खिलाफ तीन मामले विभिन्न थानों में दर्ज हैं। तीनों ने पुलिस के सामने अपने हथियार भी जमा किए।

कौन कहाँ का रहने वाला
नारायण कोड़ा — धरहरा प्रखंड की अजीमगंज पंचायत के पैसरा का निवासी
बहादुर कोड़ा — हवेली खड़गपुर प्रखंड के बघेल का रहने वाला
विनोद कोड़ा — लखीसराय जिले के कजरा थाना क्षेत्र स्थित शीतला कोड़ासी का निवासी
9.10 लाख की सहायता राशि और अन्य सुविधाएँ मिलेंगी
सरकार की पुनर्वास नीति के तहत तीनों माओवादियों को 9.10 लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी। इसके अलावा, 36 महीने तक प्रति माह 10 हजार रुपये भत्ता, हथियार जमा करने पर 11,150 रुपये, पाँच-पाँच डिसमिल जमीन, जन वितरण प्रणाली की दुकान, रोजगार, वृद्धावस्था पेंशन और सुरक्षा के लिए शस्त्र लाइसेंस जैसी सुविधाएँ प्रदान की जाएंगी। साथ ही बच्चों की शादी, पशुपालन, चापाकल और शौचालय निर्माण जैसी योजनाओं का भी लाभ मिलेगा।
“23 जिलों में माओवादियों की मौजूदगी अब शून्य” डीजीपी
इस मौके पर डीजीपी विनय कुमार ने कहा कि माओवाद उन्मूलन में बिहार ने बड़ी उपलब्धि हासिल की है। राज्य के 23 अति उग्रवाद प्रभावित जिलों में अब माओवादियों की उपस्थिति शून्य हो चुकी है। चार जिलों को ‘लिगेसी एंड थ्रस्ट एरिया’ के रूप में चिन्हित कर उन पर विशेष निगरानी रखी जा रही है।
उन्होंने बताया कि माओवाद प्रभावित इलाकों में तेजी से विकास कार्य कराए जा रहे हैं। सड़कों, एक्सप्रेस-वे, नेशनल हाईवे, कौशल विकास केंद्र, स्कूल और कॉलेजों का निर्माण कराया जा रहा है, ताकि भटके हुए युवाओं को मुख्यधारा से जोड़ा जा सके।


