Property News : बिहार में रियल एस्टेट सेक्टर में हो रही धोखाधड़ी पर अंकुश लगाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। बिहार के रियल एस्टेट विनियामक प्राधिकरण (रेरा) ने अब सभी पंजीकृत एजेंटों को पहचान के लिए क्यूआर कोड देना शुरू कर दिया है। पहले यह सुविधा केवल पंजीकृत परियोजनाओं को दी जाती थी। सोमवार से पूरे राज्य में यह नई व्यवस्था लागू हो गई है।

कार्यालय और विज्ञापन में दिखाना होगा क्यूआर कोड :
अब राज्य के सभी पंजीकृत रियल एस्टेट एजेंटों को अपने कार्यालय में अपने निबंधन प्रमाण पत्र के साथ क्यूआर कोड स्पष्ट रूप से लगाना होगा। इसके साथ ही अगर वे किसी तरह का विज्ञापन या प्रचार करते हैं तो उसमें निबंधन संख्या के साथ क्यूआर कोड प्रदर्शित करना जरूरी होगा। कोई भी व्यक्ति इस कोड को मोबाइल फोन से स्कैन कर एजेंट से जुड़ी सभी सरकारी जानकारी तुरंत देख सकेगा।

रेरा अध्यक्ष ने कहा- खरीदारों को मिलेगी सुरक्षा
रेरा बिहार के अध्यक्ष विवेक कुमार सिंह ने कहा कि प्राधिकरण का उद्देश्य आम नागरिकों को यह जानना आसान बनाना है कि कोई एजेंट पंजीकृत है या नहीं। उन्होंने स्पष्ट किया कि कोई भी एजेंट केवल पंजीकृत परियोजनाओं में ही फ्लैट, दुकान या प्लॉट बेच सकता है। यदि कोई एजेंट नियमों का उल्लंघन करता है, तो उसके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

प्लॉटिंग करने वाले एजेंटों के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज किया जाएगा
हाल ही में रेरा बिहार और सारण जिला प्रशासन के संयुक्त सर्वेक्षण में यह बात सामने आई थी कि कुछ पंजीकृत एजेंट खुद ही अवैध रूप से जमीन काटकर प्लॉटिंग कर रहे हैं। यह न केवल रेरा एक्ट का उल्लंघन है, बल्कि आम लोगों के साथ धोखाधड़ी भी है। ऐसे एजेंटों के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज करने का निर्णय लिया गया है।

रेरा की अपील- पहले जांच लें, फिर खरीदें :
प्राधिकरण ने जनता से रियल एस्टेट एक्ट के बारे में जानकारी प्राप्त करने और धोखाधड़ी से बचने के लिए रेरा द्वारा जारी की गई सूचनाओं का लाभ उठाने की अपील की है। यह समझना जरूरी है कि प्रोजेक्ट का रजिस्ट्रेशन और एजेंट का रजिस्ट्रेशन दो अलग-अलग चीजें हैं।

प्रोजेक्ट का रजिस्ट्रेशन प्रमोटर द्वारा इसलिए कराया जाता है, ताकि वह प्रॉपर्टी का निर्माण और बिक्री कर सके। जबकि एजेंट रेरा से पंजीकृत प्रोजेक्ट में केवल बिक्री का काम कर सकता है। वह खुद अपना प्रोजेक्ट नहीं बना सकता।

रेरा ने यह भी स्पष्ट किया है कि प्रोजेक्ट का रजिस्ट्रेशन नंबर “BRERAP” से शुरू होता है, जबकि एजेंट का नंबर “BRERAA” से शुरू होता है। ऐसे में कोई भी प्रॉपर्टी खरीदने से पहले उसका रजिस्ट्रेशन नंबर जरूर चेक कर लें। यह छोटा सा प्रयास भविष्य के लिए बड़ी सुरक्षा बन सकता है।

