समस्तीपुर रेलवे मंडल के लिए एक ऐतिहासिक विकास की शुरुआत हो चुकी है, जहां दरभंगा-नरकटियागंज और सीतामढ़ी-मुजफ्फरपुर रेल मार्ग का दोहरीकरण प्रस्तावित है। इस महत्वाकांक्षी परियोजना को 4,553 करोड़ रुपये की मंजूरी मिल गई है, जो न सिर्फ क्षेत्रीय आवागमन को तेज करेगी बल्कि व्यापारिक कनेक्टिविटी को भी मजबूत बनाएगी।
केंद्रीय कैबिनेट ने समस्तीपुर रेल मंडल के दरभंगा-नरकटियागंज और सीतामढ़ी-मुजफ्फरपुर रेल मार्ग को दोहरीकरण की हरी झंडी दे दी है, जिससे न केवल इस क्षेत्र के निवासियों को सुगम यात्रा की सुविधा मिलेगी बल्कि नई रेल परियोजनाओं में भी तेजी आएगी। इस परियोजना के तहत लगभग 256 किलोमीटर लंबी रेल लाइन को अपग्रेड किया जाएगा, जिससे वंदे भारत जैसी हाई-स्पीड ट्रेनों का परिचालन संभव होगा।
परियोजना के पूरा होने का लक्ष्य पांच साल के अंदर रखा गया है। इस रेलखंड पर 160 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से ट्रेनों का परिचालन किया जा सकेगा, जिससे यात्रा समय में काफी कमी आएगी। डीआरएम विनय श्रीवास्तव के अनुसार, निर्माण कार्य के दौरान लगभग 87 लाख ह्यूमन-डे कार्यों का सृजन होगा, जो स्थानीय रोजगार को भी बढ़ावा देगा।
इस दोहरीकरण के साथ ही 310 ब्रिज का निर्माण प्रस्तावित है, जिसमें से 10 बड़े ब्रिज और 66 मिडिल ब्रिज होंगे। बागमती नदी पर एक महत्वपूर्ण पुल भी बनाया जाएगा, जिससे यातायात और बेहतर तरीके से सुचारु किया जा सकेगा। इसके अलावा, इस रेलवे लाइन से देश के प्रमुख बंदरगाह जैसे हल्दिया, विशाखापट्टनम और कोलकाता तक सीधी पहुंच संभव हो सकेगी। इसके परिणामस्वरूप यह मार्ग नॉर्थ ईस्ट कॉरिडोर का हिस्सा बन जाएगा, जिससे असम जाने वाले यात्रियों के लिए वाया नरकटियागंज से गुजरना आसान हो जाएगा।