बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) के प्रधान शिक्षक के परिणाम में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) का कटऑफ अनुसूचित जाति (एससी) के कम है। आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के पुरुष और महिला अभ्यर्थियों का कटऑफ 48 अंक है।
अनुसूचित जाति पुरुष और महिला का कटऑफ क्रमश: 49 व 48 अंक है।

ईडब्ल्यूएस पुरुष व महिला अभ्यर्थियों के लिए पार्ट टू का कटऑफ अंक 20 व 17 है।
वहीं, एससी के पुरुष व महिला के लिए यह 24 व 18 अंक है। पिछड़े वर्ग की महिला और अनुसूचित जनजाति के पुरुष व महिला अभ्यर्थियों का कटऑफ ईडब्लयूएस के समान ही है। सामान्य श्रेणी के पुरुष व महिला का कटऑफ क्रमश: 67 व 59 अंक है।

अत्यंत पिछड़ा वर्ग (ईबीसी) पुरुष व महिला का कटऑफ क्रमश: 59 व 49 तथा पिछड़ा वर्ग (बीसी) पुरुष व महिला अभ्यर्थियों का 61 और 52 अंक है। दिव्यांग और स्वतंत्रता सेनानी के स्वजन का कटऑफ भी 48 या उससे अधिक है। आयोग के अनुसार बिहार प्रारंभिक विद्यालय प्रधान शिक्षक नियमावली, 2024 के आधार पर अभ्यर्थियों के योग्यता से संबंधित दावे का सत्यता की जांच प्रशासी विभाग द्वारा अपने स्तर पर करने के बाद नियुक्ति की कार्यवाही की जाएगी। ततवा-तांती अभ्यर्थियों का परिणाम अत्यंत पिछड़ा वर्ग में किया गया है।

प्रधानाध्यापक के लिए ईडब्ल्यूएस से ज्यादा व बीसी महिला का कटऑफ
उच्च माध्यमिक विद्यालयों में प्रधानाध्यापक के पदों के लिए जारी परिणाम में सामान्य श्रेणी पुरुष व महिला अभ्यर्थियों का कटऑफ क्रमश: 85 और 74 अंक है।
ईडब्ल्यूएस और पिछड़ा वर्ग पुरुष का कटऑफ एक समान 79 अंक है। जबकि ईडब्ल्यूएस महिला से अधिक बीसी महिला का रहा है।
बीसी महिला का कटऑफ 67 तो ईडब्ल्यूएस महिला का 63 अंक है। एससी पुरुष व महिला का क्रमश: 59 व 48 अंक है।
एसटी में दोनों वर्ग का 48 तथा पिछले वर्ग की महिला का 67 अंक है। ईबीसी पुरुष व महिला क्रमश: 74 व 57 और बीसी पुरुष व महिला का 79 व 67 अंक है।

कटऑफ अधिक व कम होने के कारक
आयोग के अनुसार ईडब्ल्यूएस, बीसी, ईबीसी, एससी-एसटी, बीसीएल आदि के लिए पूर्व से सीटें निर्धारित होती हैं। इसमें से किसी भी आरक्षित श्रेणी में किसी दूसरी श्रेणी के अभ्यर्थियों को शामिल नहीं किया जाता है। जब किसी श्रेणी में अभ्यर्थियों की संख्या कम हो जाती है तो उनका कटऑफ भी नीचे चला जाता है।