कई पेपर लीक कांडों की जांच कर रही आर्थिक अपराध इकाई को जांच के दौरान पेपर लीक माफिया के मॉड्स अपरेंडी का भी पता चला है। ईओयू सूत्रों के मुताबिक अधिकतर परीक्षाओं में पेपर लीक फर्जीवाड़े को दो तरीके से अंजाम दिया गया। इसमें एक टीम परीक्षा के उम्मीदवारों की खोज कर उनसे राशि की वसूली करती है, जबकि दूसरी टीम प्रश्न पत्र लीक कराने को लेकर लाइजनिंग करती है।

सिपाही बहाली मामले में पेपर लीक कांडों के मास्टरमाइंड संजीव मुखिया ने प्रश्न पत्र लीक कराने की जिम्मेदारी उठाई थी, जबकि राजकिशोर सहित अन्य लोगों ने अभ्यर्थियों को फंसा कर उनसे पैसे ऐंठने की कमान संभाल रखी थी। ईओयू ने राजकिशोर के बैंक खातों की जांच में करोड़ों के मनी ट्रेल का खुलासा किया था, जो कि इस तरफ इशारा कर रहा है।

पटना, हिन्दुस्तान ब्यूरो। सिपाही बहाली 2023 परीक्षा पेपर लीक कांड में कई नयी परतें खुल रही हैं। कांड के इनामी अपराधी अरवल के राजकिशोर की गिरफ्तारी के बाद हुई पूछताछ में कई कोचिंग संचालकों की मिलीभगत सामने आयी है।

ईओयू की जांच में पता लगा है कि कांड के मास्टरमाइंड संजीव मुखिया की मदद से प्रश्न पत्र लीक कराने से पहले अभ्यर्थी पैसे इकट्ठा करने की जिम्मेदारी राजकिशोर ने संभाल रखी थी। राजकिशोर इसके लिए कोचिंग संचालकों से संपर्क में था।

मुकेश-चंदन सर की मदद से कई अभ्यर्थियों से लिए पैसे
जांच में संजीव मुखिया और कोचिंग संस्थानों का गठजोड़ भी सामने आया। प्रश्न पत्र लीक कराने का जिम्मा मुखिया का था वहीं अभ्यर्थी खोजना और उनसे पैसे वसूलने का कार्य कोचिंग संचालक कर रहे थे।

ईओयू अधिकारियों के मुताबिक राजकिशोर ने पटना के पत्रकार नगर स्थित कोचिंग संचालक मुकेश सर और चंदन सर की मदद से कई अभ्यर्थी जमा किए थे और उनसे परीक्षा पास कराने के नाम पर करोड़ों रुपये की वसूली की थी। खास बात है कि इन कोचिंग संचालकों का नाम नीट 2017 पेपर लीक में भी आया था।

इनमें मुकेश सर की इस मामले में गिरफ्तारी भी हुई थी। आर्थिक अपराध इकाई को राजकिशोर से मिली इस जानकारी के बाद केस का दायरा बढ़ गया है। इकाई ने स्थानीय थाने में दर्ज नीट पेपर लीक के इस मामले को भी टेकओवर कर लिया है।

