बिहार में सक्षमता परीक्षा में उत्तीर्ण होने वाले 1 लाख 87 हजार 615 शिक्षकों के पदस्थापन हेतु शिक्षा विभाग ने काउंसिलिंग की तैयारी शुरू कर दी है। काउंसिलिंग जून के अंत में होगी और इसके बाद जुलाई में शिक्षकों को नियुक्ति पत्र मिलेंगे।
काउंसिलिंग और प्रमाण पत्रों का सत्यापन
शिक्षा विभाग के अनुसार, विद्यालय आवंटन से पहले सभी सफल शिक्षकों की काउंसिलिंग राज्य मुख्यालय में आयोजित की जाएगी। इस काउंसिलिंग में शिक्षकों के उन सभी प्रमाण-पत्रों एवं कागजात का सत्यापन होगा, जो सक्षमता परीक्षा के ऑनलाइन फार्म भरते समय दिए गए थे। काउंसिलिंग का शिड्यूल जल्द ही जारी किया जाएगा।
सफल शिक्षकों की संख्या और श्रेणियाँ
सक्षमता परीक्षा में विभिन्न श्रेणियों में सफल शिक्षकों की संख्या इस प्रकार है:
- ग्यारहवीं और बारहवीं कक्षा: 5,313 शिक्षक
- नौवीं-दसवीं कक्षा: 20,354 शिक्षक
- छठी-आठवीं कक्षा: 22,941 शिक्षक
- पहली-पांचवीं कक्षा: 1,39,010 शिक्षक
ये सभी शिक्षक विशिष्ट अध्यापक बनने जा रहे हैं।
जिला आवंटन और पदनाम परिवर्तन
शिक्षकों ने सक्षमता परीक्षा का फार्म भरते समय तीन जिलों के विकल्प चुने थे। इन विकल्पों और परीक्षा में प्राप्त अंकों एवं आरक्षण के आधार पर शिक्षकों को जिलों का आवंटन किया गया है। आवंटित विद्यालय में योगदान की तिथि से संबंधित शिक्षकों का पदनाम बदल कर विशिष्ट अध्यापक हो जाएगा और उन्हें राज्यकर्मी का दर्जा भी मिल जाएगा।
विद्यालय आवंटन की प्रक्रिया
विद्यालय आवंटन की प्रक्रिया बिहार लोक सेवा आयोग की परीक्षा के आधार पर विद्यालय अध्यापक के पदों के लिए चयनित अभ्यर्थियों के विद्यालय आवंटन की प्रक्रिया के समान होगी। विद्यालय आवंटन सॉफ्टवेयर के माध्यम से रैंडमाइजेशन के आधार पर किया जाएगा, जिससे प्रक्रिया में पारदर्शिता और निष्पक्षता बनी रहेगी।
शिक्षा विभाग की अपील
शिक्षा विभाग ने सभी सफल शिक्षकों से अपील की है कि वे अपने प्रमाण-पत्र और कागजात सही-सही काउंसिलिंग के समय प्रस्तुत करें और प्रक्रिया के प्रति सहयोग करें। जल्द ही सभी शिक्षकों को उनकी मेहनत का फल मिलेगा और वे अपने आवंटित विद्यालय में सेवाएँ देना शुरू करेंगे।
यह कदम न केवल शिक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ करेगा, बल्कि राज्य के लाखों बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने में भी सहायक सिद्ध होगा।