उजियारपुर लोकसभा सीट से लगातार तीसरी बार सांसद बने नित्यानंद राय एक बार फिर केंद्र में मंत्री बनने जा रहे हैं। इससे पहले भी वे केंद्रीय गृह राज्य मंत्री के पद पर कार्यरत थे। इस बार उन्होंने महागठबंधन के आलोक कुमार मेहता को 60,102 वोट से हराया है। बीजेपी के भरोसेमंद नेता माने जाने वाले नित्यानंद राय की यह विजय उनके कड़ी मेहनत और समर्पण का परिणाम है।

सादगी और मेहनत की मिसाल
नित्यानंद राय का जीवन सादगी और मेहनत की मिसाल है। वे हाजीपुर से 4 किलोमीटर दूर स्थित कर्णपुरा गांव के रहने वाले हैं। उनके पिता गंगा विशुन राय एक किसान थे और 20 साल तक कर्णपुरा के मुखिया रहे। उनकी मां, कौशल्या देवी, एक गृहिणी थीं। नित्यानंद राय की शादी 1989 में अमिता देवी से हुई, और उनकी एक बेटी है, नंदिका कुमारी, जो दिल्ली के एक स्कूल में 7वीं कक्षा में पढ़ती है। उनकी पत्नी गृहिणी हैं। नित्यानंद राय के दो भाई हैं: सबसे बड़े भाई सत्य नारायण राय किसान हैं, जबकि मांझिल भाई सच्चिदानंद राय एक कॉलेज में प्रोफेसर हैं और बख्तियारपुर में पोस्टेड हैं।

शिक्षा और प्रारंभिक जीवन
नित्यानंद राय ने 1983 में आर. एन. महाविद्यालय से बी.ए तक की पढ़ाई की है। छात्र जीवन से ही वे सामाजिक कार्यों में रुचि रखते थे। 1982 में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) के सदस्य के रूप में उन्होंने सामाजिक कार्यों की शुरुआत की थी। जल्द ही वे ABVP के जिला प्रमुख और विभाग प्रमुख बने। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की शाखा में स्वयंसेवक के रूप में जुड़कर उन्होंने तहसील कार्यवाहक की जिम्मेदारी निभाई।


राजनीति में प्रवेश
1990 में नित्यानंद राय भारतीय जनता पार्टी (BJP) से जुड़े और पंचायत स्तर से अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत की। भारतीय जनता युवा मोर्चा (BJYM) में बिहार प्रदेश के प्रदेश मंत्री और प्रदेश महामंत्री के पदों को संभालते हुए वे 1998 में BJYM के अध्यक्ष बने। 2000 में वे बिहार विधानसभा के हाजीपुर निर्वाचन क्षेत्र से सदस्य निर्वाचित हुए। इसके बाद उन्होंने बीजेपी बिहार प्रदेश के प्रदेश मंत्री, प्रदेश महामंत्री और प्रदेश उपाध्यक्ष के पदों पर कार्य किया।

तीसरी बार सांसद और केंद्र में मंत्री
30 नवम्बर 2016 को नित्यानंद राय को भारतीय जनता पार्टी, बिहार प्रदेश का अध्यक्ष नियुक्त किया गया। उनके नेतृत्व में पार्टी को गांव और बूथ स्तर तक मजबूत किया गया। 2019 के लोकसभा चुनाव में, उनके नेतृत्व में भाजपा और सहयोगी एनडीए को 40 में से 39 सीटों पर जीत मिली। उन्होंने दूसरी बार लोकसभा सदस्य के रूप में पौने तीन लाख से अधिक वोटों से जीत हासिल की। 2024 के चुनाव में उन्होंने 60,102 वोटों से जीत दर्ज की और तीसरी बार सांसद बने।
जनता के लिए समर्पित
नित्यानंद राय की यह लगातार तीसरी जीत दर्शाती है कि वे जनता के बीच कितने लोकप्रिय और भरोसेमंद नेता हैं। उनकी सादगी, मेहनत और जनता के प्रति समर्पण ने उन्हें इस मुकाम तक पहुंचाया है। अब वे एक बार फिर केंद्र में मंत्री बनकर देश की सेवा करेंगे और अपनी कर्तव्यनिष्ठा से लोगों की अपेक्षाओं पर खरा उतरने की कोशिश करेंगे।