विधानसभा चुनाव 2025 से पहले केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने बिहार को शिक्षा के क्षेत्र में बड़ी सौगात दी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई केंद्रीय कैबिनेट बैठक में राज्य में 19 नए केंद्रीय विद्यालय (केवी) खोलने की मंजूरी दी गई। ये विद्यालय बिहार के 16 जिलों में स्थापित किए जाएंगे।

बिहार के इन जिलों को मिलेगा लाभ
जिन जगहों पर नए केंद्रीय विद्यालय खुलेंगे, उनमें पटना (वाल्मी और दीघा), दरभंगा, मधुबनी (झंझारपुर), मुजफ्फरपुर (बेला इंडस्ट्रियल एरिया), भागलपुर, कैमूर, कटिहार, सीतामढ़ी (पकटोला, एसएसबी 20वीं बटालियन), मधेपुरा, अरवल, पूर्णिया, भोजपुर (आरा), शेखपुरा (शेखोपुरसराय, जमौरा और कटनीकोल) और बिहारशरीफ शहर शामिल हैं।

राष्ट्रीय स्तर पर 57 नए केवी
कैबिनेट की इस मंजूरी के तहत देशभर में कुल 57 नए केंद्रीय विद्यालय खोले जाएंगे, जिन पर 5862 करोड़ रुपये खर्च होंगे। इनमें से बिहार को 19 विद्यालयों का लाभ मिलेगा। वर्तमान में देशभर में 1288 केंद्रीय विद्यालय संचालित हो रहे हैं, जिनमें 13 लाख से अधिक छात्र-छात्राएं पढ़ रहे हैं। इनमें से 3 विद्यालय विदेशों में भी हैं।

बच्चों और अभिभावकों में उम्मीद
बिहार के एक निजी स्कूल में पढ़ने वाले छात्र के अभिभावक संजय कुमार ने कहा, “हम हमेशा चाहते थे कि हमारे बच्चों को बेहतर और सस्ती शिक्षा का विकल्प मिले। केंद्रीय विद्यालय खुलने से हमें राहत मिलेगी। अब बच्चों को बड़े शहरों में भेजने की मजबूरी नहीं होगी।”

दरभंगा की शिक्षिका नीलम झा ने कहा कि यह कदम न केवल शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ाएगा, बल्कि ग्रामीण और छोटे शहरों के बच्चों को भी समान अवसर देगा।

सरकार का उद्देश्य
सरकार का कहना है कि इस फैसले से शिक्षा के बुनियादी ढांचे को मजबूती मिलेगी और अधिक से अधिक बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध हो सकेगी। कैबिनेट ने स्पष्ट किया कि नए विद्यालय खोलने से स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे।

शिक्षा विशेषज्ञों की राय
शिक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि बिहार जैसे राज्य में केंद्रीय विद्यालयों का विस्तार महत्वपूर्ण है। यह सरकारी और निजी शिक्षा के बीच की खाई को कम करेगा और छात्रों को प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में भी मदद करेगा।

