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Bihar Elections : बिहार में अभी हुए चुनाव तो किसे मिलेगी जीत ? जानें NDA-महागठबंधन में किसका पलड़ा भारी.

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By Samastipur Today Desk
Bihar Elections : बिहार में अभी हुए चुनाव तो किसे मिलेगी जीत ? जानें NDA-महागठबंधन में किसका पलड़ा भारी.

 

 

Bihar Elections : बिहार हमेशा से ही जातीय समीकरणों के लिए चर्चित राज्य रहा है, यहां की राजनीति में जातीय समीकरण, गठबंधन और रणनीतिक फैसले अहम भूमिका निभाते हैं। अगर आज लोकसभा चुनाव हुए तो भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की अगुवाई वाला राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) भारी बहुमत से जीत सकता है। इंडिया टुडे-सीवोटर मूड ऑफ द नेशन (एमओटीएन) सर्वे में यह दावा किया गया है।

   

देश भर में लोकसभा चुनाव को लेकर जनता की राय जानने के लिए यह सर्वे किया गया, जिसमें बिहार की स्थिति पर खास ध्यान दिया गया। इस सर्वे के नतीजे बताते हैं कि बिहार में एनडीए की स्थिति मजबूत बनी हुई है, जबकि महागठबंधन को बड़ा झटका लग सकता है।

इस सर्वे के मुताबिक बिहार की 40 लोकसभा सीटों में से एनडीए को 33 से 35 सीटें मिलने का अनुमान है। सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि एनडीए के वोट शेयर में 5% का इजाफा हुआ है।

2024 के लोकसभा चुनाव में एनडीए को 47% वोट मिले थे, लेकिन अब यह बढ़कर 52% हो गया है। वहीं, महागठबंधन (राजद, कांग्रेस और वाम दल) को तीन फीसदी वोट का नुकसान हो सकता है। 2024 में महागठबंधन को 39 फीसदी वोट मिले थे, लेकिन अब यह घटकर 36 फीसदी रह सकता है।

एनडीए की बढ़त के पीछे क्या हैं कारण?

एनडीए की बढ़त के पीछे कई कारण बताए जा रहे हैं। नीतीश कुमार की वापसी ने एक बार फिर गठबंधन को स्थिरता दी है। भाजपा की आक्रामक रणनीति ने भी महागठबंधन के वोट बैंक में सेंध लगाई है।

इसके अलावा चिराग पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी (एलजेपी) एनडीए का हिस्सा होने के कारण भी दलित और युवा मतदाताओं को आकर्षित कर रही है।  बिहार में जातीय समीकरण बेहद अहम हैं और इस बार एनडीए ने इसी के अनुरूप अपनी रणनीति तैयार की है।

NDA की एकजुटता है जीत का रहस्य :

सीवोटर के संस्थापक और निदेशक यशवंत देशमुख कहते हैं कि बिहार में चुनावी गणित पूरी तरह से संख्या पर निर्भर करता है। अगर भाजपा, जदयू (नीतीश कुमार की पार्टी) और लोजपा (चिराग पासवान की पार्टी) एक साथ रहते हैं, तो महागठबंधन के लिए एनडीए को हराना लगभग असंभव हो जाएगा।

उन्होंने कहा, “बिहार एक ऐसा राज्य है, जहां वोटिंग पैटर्न पूरी तरह से गणितीय समीकरणों पर आधारित है। यहां दिल्ली जैसी स्थिति नहीं है, जहां वोटिंग में विभाजन देखने को मिले। अगर बीजेपी, जेडीयू और एलजेपी एक साथ रहते हैं, तो महागठबंधन के लिए बहुत मुश्किल होगी।

बीजेपी पहले ही साफ कर चुकी है कि एनडीए बिहार में नीतीश कुमार के नेतृत्व में विधानसभा चुनाव लड़ेगी। नीतीश कुमार ने 2024 में नौवीं बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली।

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