Bihar Driver Bharti : बिहार में परिवहन विभाग महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाने जा रहा है। दरअसल, बिहार राज्य पथ परिवहन निगम (BSRTC) को पिंक बस के लिए बड़ी संख्या में महिला ड्राइवरों की ज़रूरत है। इसके लिए निगम महिला ड्राइवरों को पिंक बस चलाने का प्रशिक्षण देने की तैयारी कर रहा है।

जानकारी के अनुसार, BSRTC के प्रशासक अतुल कुमार वर्मा और परिवहन विभाग की विशेष कार्य पदाधिकारी अरुणा कुमारी ने राज्य के मोटर वाहन चालक प्रशिक्षण केंद्र के संचालकों के साथ एक अहम बैठक की। बैठक में बताया गया कि जल्द ही लाइट मोटर व्हीकल (LMV) लाइसेंस धारक महिला ड्राइवरों को पिंक बस चलाने का प्रशिक्षण दिया जाएगा।

महिला ड्राइवर प्रशिक्षण के लिए इच्छुक उम्मीदवारों को कम से कम दसवीं कक्षा उत्तीर्ण होना ज़रूरी है। साथ ही, शारीरिक रूप से स्वस्थ और तंदुरुस्त होना भी ज़रूरी होगा। निगम जल्द ही भर्ती जारी करेगा। प्रशिक्षण के बाद महिलाओं को ड्राइवर के तौर पर काम करना होगा। चयनित महिला ड्राइवरों को श्रम संसाधन विभाग द्वारा निर्धारित मानदेय दिया जाएगा।

वहीं, ड्राइविंग प्रशिक्षण लेने की इच्छुक महिलाओं की आयु 18 से 35 वर्ष होनी चाहिए। विभाग चयनित महिलाओं को ड्राइविंग प्रशिक्षण देकर उन्हें ड्राइविंग लाइसेंस प्रदान करेगा। इसके बाद, उन्हें पटना और अन्य शहरों में चलने वाली महिलाओं के लिए समर्पित पिंक बस की कमान सौंपी जाएगी।

इस संबंध में, बीएसआरटीसी प्रशासक अतुल कुमार वर्मा ने बताया कि इसके तहत तीन चरणों में 500-500 महिला चालकों को 30 दिनों तक बस चलाने का प्रशिक्षण दिया जाएगा। जल्द ही इससे संबंधित आवेदन प्रक्रिया शुरू की जाएगी। इसके लिए सभी आवासीय प्रशिक्षण विद्यालयों में स्वच्छ शौचालय, पेयजल की सुविधा, ऊँची चारदीवारी का होना अनिवार्य कर दिया गया है। महिलाओं की सुरक्षा और सुविधा की दृष्टि से व्यवस्था सुदृढ़ होनी चाहिए। इस योजना के तहत, बस चलाने में पूरी तरह दक्ष महिला चालकों को ही प्रमाण पत्र दिए जाएँगे।


बीएसआरटीसी प्रशासक अतुल कुमार वर्मा के अनुसार, योजना के अनुसार, अगस्त के अंत तक 80 पिंक बसें बिहार पहुँच जाएँगी। महिला चालकों को इन बसों को चलाने का प्रशिक्षण दिया जाएगा, ताकि उन्हें रोजगार मिल सके। महिला चालकों के आवासीय प्रशिक्षण पर विभाग संचालकों के साथ मिलकर रूपरेखा तैयार कर रहा है। इस बैठक में पूर्णिया, औरंगाबाद, लखीसराय, मुंगेर, बांका, गोपालगंज, दरभंगा, सिवान आदि जिलों के मोटर वाहन प्रशिक्षण संस्थानों के निदेशक उपस्थित थे।

