Bihar Election 2025 : बिहार में इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले चुनाव आयोग घर-घर जाकर मतदाताओं की खोज करने जा रहा है। इसको लेकर विशेष सघन मतदाता पुनरीक्षण (एसआईआर) शुरू हो गया है। रविवार से बीएलओ घर-घर जाकर मतदाताओं को गणना फार्म बांटेंगे। मतदाताओं को इसे भरकर संबंधित दस्तावेज के साथ वापस करना होगा। इसके आधार पर चुनाव आयोग फर्जी मतदाताओं की जांच कर उन्हें मतदाता सूची से हटाएगा। साथ ही नए मतदाताओं को भी जोड़ेगा।

चुनाव आयोग के इस कदम से राजनीतिक बवाल मच गया है, विपक्षी दल सवाल उठा रहे हैं कि गरीब लोगों के नाम मतदाता सूची से हटाए जाएंगे। ऐसे में मतदाताओं में इसे लेकर कई आशंकाएं भी हैं। हालांकि आयोग का दावा है कि फर्जी मतदाताओं पर लगाम लगाने के लिए यह सर्वे कराया जा रहा है।

बिहार में आखिरी बार यह काम साल 2003 में हुआ था। यानी अब 22 साल बाद घर-घर जाकर सभी मतदाताओं का सत्यापन किया जाएगा। इसके लिए भारत निर्वाचन आयोग की टीम ने राज्य के अधिकारियों को प्रशिक्षण और संबंधित दिशा-निर्देश दिए हैं। यह सर्वेक्षण प्रक्रिया जमीनी स्तर पर करीब एक महीने तक जारी रहेगी।

डोर-टू-डोर सर्वेक्षण में क्या होगा?
विशेष गहन पुनरीक्षण के तहत बीएलओ घर-घर जाकर मतदाताओं को गणना प्रपत्र वितरित करेंगे। इसमें मतदाता का नाम, फोटो, पता, ईपीआईसी नंबर, आधार नंबर, जन्मतिथि, मोबाइल नंबर, माता-पिता या अभिभावक का नाम आदि से संबंधित जानकारी होगी। मतदाताओं को इसमें अपनी नई फोटो संलग्न करनी होगी। प्रपत्र भरने के बाद इसे बीएलओ को वापस करना होगा। इसके साथ ही अपनी पहचान सत्यापित करने के लिए मांगे गए दस्तावेज भी देने होंगे। मतदाता यह कार्य ऑनलाइन भी कर सकते हैं। इस बारे में विस्तृत जानकारी इस लेख में दी गई है-

मतदाताओं को यह सत्यापित करना होगा कि उनका जन्म भारत में हुआ है और उनके माता-पिता भारतीय हैं। यदि माता-पिता में से कोई भी भारतीय नहीं है, तो मतदाता के जन्म के समय उनके वैध पासपोर्ट और वीजा की प्रति संलग्न करनी होगी। 1 जुलाई 1987 के बाद जन्मे मतदाताओं को अपने माता-पिता की पहचान के लिए एक दस्तावेज देना होगा, जबकि इस तिथि से पहले जन्मे मतदाताओं को अपना कोई एक पहचान पत्र या प्रमाण पत्र देना होगा।

वोटर लिस्ट से नाम कैसे हटाया या जोड़ा जाएगा?
26 जुलाई तक डोर-टू-डोर सर्वे पूरा करने के बाद चुनाव आयोग सर्वे में प्राप्त फॉर्म और दस्तावेजों की जांच करेगा। उसके आधार पर वोटर लिस्ट में संशोधन किया जाएगा। जिन मतदाताओं का सत्यापन नहीं हुआ है, या जिनकी मृत्यु हो गई है, उनके नाम हटाए जाएंगे और नए नाम जोड़े जाएंगे।

इसके बाद 1 अगस्त को संशोधित वोटर लिस्ट का ड्राफ्ट जारी किया जाएगा। 1 सितंबर तक इस पर दावे और आपत्तियां मांगी जाएंगी। सितंबर महीने में दावे और आपत्तियों का निपटारा किया जाएगा। अंत में 30 सितंबर को फाइनल वोटर लिस्ट जारी की जाएगी।

