जिले में टीबी (यक्ष्मा) उन्मूलन के प्रयासों में लगातार प्रगति हो रही है। जनवरी से जून के बीच जिले में पांच हजार दो टीबी मरीजों की पहचान की गई। वहीं जुलाई और अगस्त में 1421 टीबी मरीजों की पहचान की गई। टीबी उन्मूलन के लिए चलाए जा रहे अभियान के अंतर्गत, टीबी मुक्त पंचायत कार्यक्रम में चयनित पंचायतों में घर-घर जाकर टीबी रोगियों की खोज के दौरान जिले में इस वर्ष अगस्त महीने तक 6423 मरीजों की पहचान हो चुकी है।
इस संबंध में जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ विशाल कुमार ने बताया कि स्वास्थ्य कर्मी लगातार काम कर रहे हैं ताकि अधिक से अधिक लोगों की जांच हो सके और रोगियों की सही समय पर पहचान की जा सके। जिले में विभिन्न प्रखंडों में टीबी की पहचान और इलाज के लिए विशेष प्रयास किए जा रहे हैं।
वहीं उन्होंने बताया कि अभी संबंधित दवाएं उपलब्ध हैं और मांग के अनुरूप दवा का और लॉट आ रहा है। जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ विशाल कुमार ने बताया कि टीबी रोगियों की पहचान व उनके शीघ्र और प्रभावी इलाज को लेकर प्रखंड स्तर पर प्रयास किया जा रहा है। टीबी उन्मूलन के इस अभियान में, न केवल जांच बल्कि नियमित दवा वितरण की भी व्यवस्था की गई है। टीबी उन्मूलन के इस अभियान में, न केवल जांच बल्कि नियमित दवा वितरण की भी व्यवस्था की गई है। इससे टीबी रोगियों को समय पर इलाज मिल रहा है।
बिथान 14 दलसिंहसराय 284 कल्याणपुर 14 खानपुर 8 मोरवा 2 पटोरी 36 पीएचसी विभूतिपुर 37 पीएचसी हसनपुर 62 पीएचसी मोहिउद्दीननगर 10 पीएचसी सरायरंजन 25 पीएचसी उजियारपुर 25 पीएचसी विद्यापतिनगर 20 पीएचसी वारिसनगर 12 रेफरल अस्पताल ताजपुर 11 रोसड़ा 158 समस्तीपुर 632 एसडीएच पूसा 12 शिवाजीनगर 11 सिंघिया 48
टीबी संक्रामक रोग, यह फेफड़ों को सबसे अधिक प्रभावित करता है टीबी एक संक्रामक रोग है जो मुख्य रूप से फेफड़ों को प्रभावित करता है, लेकिन यह शरीर के अन्य अंगों को भी प्रभावित कर सकता है। इसे माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरकुलोसिस बैक्टीरिया द्वारा फैलाया जाता है। टीबी के कई प्रकार के होते हैं। जिसमें पल्मोनरी टीबी आम प्रकार की टीबी है, जो फेफड़ों को प्रभावित करती है। वहीं एक्स्ट्रा-पल्मोनरी टीबी में फेफड़ों के बाहर शरीर के अन्य अंगों को प्रभावित करती है, जैसे किडनी, हड्डियाँ, मस्तिष्क, या लसिका ग्रंथि प्रभावित होती हैं। इसमें प्रभावित अंग के अनुसार लक्षण अलग होते हैं। मिलीरी टीबी एक गंभीर प्रकार की टीबी है, जिसमें बैक्टीरिया खून के माध्यम से पूरे शरीर में फैलता है।
तीन सप्ताह या उससे अधिक से लगातार खांसी होना, बलगम या खून आना, बुखार और रात में पसीना आना, वजन में कमी और भूख कम होना व थकान और कमजोरी होना प्रमुख हैं। हड्डियों की टीबी में जोड़ों में दर्द, और किडनी की टीबी में पेशाब में रक्त आ सकता है।