समस्तीपुर जिले के सरायरंजन प्रखंड में स्थित नरघोगी मठ की जमीन पर राम जानकी मेडिकल कॉलेज की स्थापना से जिले के लोगों में उत्साह था। लोगों को उम्मीद थी कि अब उन्हें बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं के लिए दरभंगा के डीएमसीएच या पटना के पीएमसीएच जाने की आवश्यकता नहीं होगी। हालांकि, उद्घाटन के आठ महीने बाद भी इस कॉलेज में आपातकालीन सेवाएं और अन्य आवश्यक सुविधाओं का विस्तार नहीं हो सका है। फिलहाल, यहां सिर्फ सामान्य ओपीडी सेवाएं उपलब्ध हैं, और गंभीर मरीजों को समस्तीपुर सदर अस्पताल रेफर किया जा रहा है।
इस मेडिकल कॉलेज के लिए अभी तक पर्याप्त डॉक्टरों और कर्मचारियों की नियुक्ति नहीं की गई है, और मेडिकल छात्रों का नामांकन भी शुरू नहीं हुआ है। सेवा के नाम पर केवल सुबह 8.30 से दोपहर 1.30 तक ओपीडी चल रही है। इस 500 बिस्तरों वाले अस्पताल के निर्माण में 372 करोड़ रुपये खर्च किए गए थे, और इसे बिहार के अन्य मेडिकल कॉलेजों की तुलना में अत्याधुनिक बनाने का दावा किया गया था। यहां 150 एमबीबीएस छात्र दाखिला ले सकते हैं, जबकि 50 एमडी और 50 एमएस सीटें निर्धारित की गई हैं।
मेडिकल कॉलेज के सर्जन डॉ. सितेश कुमार कर्ण ने बताया कि सर्जरी की सुविधा अब तक शुरू नहीं की गई है, जिसके कारण गंभीर मरीजों को सदर अस्पताल भेजा जा रहा है।