बिहार सरकार की डिजिटल पहल के तहत समस्तीपुर के सदर अस्पताल में स्कैन एंड शेयर सिस्टम लागू किया गया है, जिसका उद्देश्य पेपरलेस वर्क को बढ़ावा देना है। हालांकि, इस तकनीकी बदलाव ने ग्रामीण इलाकों से आने वाले उन मरीजों के लिए मुश्किलें खड़ी कर दी हैं, जिनके पास स्मार्टफोन नहीं है।
समस्तीपुर सदर अस्पताल में अब इलाज कराने के लिए आपको स्मार्टफोन की जरूरत होगी। सरकार के निर्देश पर शुरू किए गए स्कैन एंड शेयर सिस्टम के तहत अब मरीजों को ओपीडी पर्ची कटाने के लिए क्यूआर कोड को स्कैन करना होता है। लेकिन ग्रामीण इलाकों से आने वाले मरीज, जो सामान्य फीचर फोन का इस्तेमाल करते हैं या जिनके पास कोई फोन नहीं होता, उन्हें इस नई व्यवस्था के कारण इलाज कराने में भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
राखी देवी, जो शनिवार को इलाज कराने सदर अस्पताल पहुंची थीं, ने बताया कि उन्हें बिना इलाज के ही लौटना पड़ा क्योंकि उनके पास स्मार्टफोन नहीं था। इसी तरह, उजियारपुर के सुरेश कुमार भी इसी समस्या से जूझ रहे थे, हालांकि बाद में अस्पताल के गार्ड ने अपने फोन से उनकी पर्ची बनवाई।
सरकार का उद्देश्य पेपरलेस वर्क को बढ़ावा देना है, लेकिन यह नई व्यवस्था उन मरीजों के लिए परेशानी का सबब बन गई है, जिनके पास स्मार्टफोन नहीं है। ऐसे मरीजों को या तो किसी दूसरे व्यक्ति के फोन का सहारा लेना पड़ता है या फिर बिना इलाज के लौट जाना पड़ता है।
सदर अस्पताल के उपाधीक्षक, डॉ. नागमणि राज के अनुसार, सरकार के निर्देशानुसार स्कैन एंड शेयर सिस्टम को लागू किया गया है। हालांकि, इस व्यवस्था से उत्पन्न होने वाली समस्याओं को देखते हुए 60-40 की व्यवस्था की गई है, ताकि किसी भी मरीज को बिना इलाज लौटना न पड़े।