भारत रत्न कर्पूरी ठाकुर, जो सामाजिक न्याय और समर्पण के प्रतीक हैं, उनकी 101वीं जयंती पर समस्तीपुर में एक ऐतिहासिक कार्यक्रम आयोजित हुआ। इस अवसर पर उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने उन्हें सच्चे देशभक्त और दूरदर्शी नेता के रूप में श्रद्धांजलि दी। उनकी विरासत आज भी प्रेरणा देती है, खासकर उन लोगों को, जो समाज में समानता और सशक्तिकरण की दिशा में काम कर रहे हैं।
जिनके पास भविष्य के लिए एक दृष्टिकोण था, जिनके लिए हमेशा पहले देश था। इस मौके पर उपराष्ट्रपति ने कहा कि कर्पूरी ठाकुर भारत रत्न मिलने में देरी हुई। उनके निधन के 36 साल बाद 2024 में भारत का सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार भारत रत्न दिया गया था। हालांकि वो बहुत पहले से इसके हकदार थे। उन्हें और पूर्व पीएम चौधरी चरण सिंह को एनडीए सरकार से सर्वोच्च सम्मान मिला, क्योंकि चीजें बदल गई हैं। अब समाज के सच्चे आदर्शों का सम्मान किया जा रहा है।
जगदीप धनखड़ ने कहा कि यह गांव कर्पूरी जी की जन्मस्थली है, लेकिन पूरा देश उनकी कर्मभूमि है और वह कोई नेता नहीं, बल्कि एक सच्चे राजनेता थे। उन्होंने गरीबी को महसूस किया था। जब वो सीएम बने, तो उन्होंने कार्यालय में चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों के लिए भी लिफ्ट का इस्तेमाल करने का आदेश दिया था। उन्होंने अपने निस्वार्थ दृष्टिकोण ने एक अलग मुकाम बनाया था। कर्पूरी ठाकुर ऐसे जननायक थे, जिन्होंने कभी भी वंशवादी राजनीति को प्रोत्साहित नहीं किया, उनके फैसले सकारात्मक सामाजिक परिवर्तन के प्रतीक थे।
धनखड़ ने कहा उनका जीवन और कार्य प्रेरणास्रोत बने हुए हैं। उनकी अपनी कभी कोई संपत्ति नहीं थी, उन्होने खासकर गरीबों के दिलों पर राज किया। उनका जीवन एक संदेश है। 1978 में चुनौतीपूर्ण समय में बिना किसी विरोध की परवाह किए आरक्षण लागू किया, अंग्रेजी को अनिवार्य विषय के रूप में खत्म किया। सरकारी कार्यालयों में हिंदी में काम को प्रोत्साहित किया। वो दूरदर्शी थे, मैट्रिक तक की शिक्षा मुफ्त करने वाले देश के पहले मुख्यमंत्री थे। जननायक कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न दिये जाने की घोषणा का पूरे देश में, खासकर ग्रामीण इलाकों में स्वागत हुआ। धनखड़ ने कहा कि केंद्र में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एक बेहतर और समावेशी समाज के निर्माण के लिए कई माध्यम से उनके सपनों को साकार कर रहे हैं।
इस मौके पर उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के अलावा बिहार के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान, केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान, राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश, केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री और कर्पूरीजी के बेटे रामनाथ ठाकुर, केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय और मंत्रियों, सांसदों सहित कई विधायक और नेता मौजूद रहे। इस मौके पर शिवराज सिंह ने कहा कि कर्पूरी जनता, गरीबों और देश के नेता थे, उनका पूरा जीवन गरीबों और वंचितों के लिए समर्पित था। उन्होंने गरीबों की सेवा कर इतिहास रचा। उन्होंने पिछड़े वर्गों को पहचान दी और उन्हें सशक्त बनाने और सामाजिक असमानताओं को समाप्त करने के लिए शिक्षा को एक टूल के रूप में इस्तेमाल किया
इससे पहले आज सुबह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, डिप्टी सीएम विजय कुमार सिन्हा और कई अन्य लोगों ने विधानसभा में जननायक कर्पूरी ठाकुर को श्रद्धांजलि दी। वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और कई अन्य लोगों ने भी सोशल मीडिया हैंडल एक्स के जरिए कर्पूरी ठाकुर को श्रद्धांजलि दी। राजद ने भी पार्टी कार्यालय में समारोह का आयोजन किया। जिसमें राजद प्रमुख लालू प्रसाद, विपक्ष के नेता तेजस्वी प्रसाद यादव और कई अन्य लोग शामिल हुए।