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Samastipur News : आज़ादी के 75 साल बाद साकार हुआ सपना, समस्तीपुर जिले का बिथान प्रखंड रेल सेवा से जुड़ा.

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By Samastipur Today Desk

 


 

Samastipur News : आज़ादी के 75 साल बाद साकार हुआ सपना, समस्तीपुर जिले का बिथान प्रखंड रेल सेवा से जुड़ा.

 

Samastipur News : देश की आजादी के 75 साल बाद समस्तीपुर जिले का बिथान प्रखंड रेल सेवा से जुड़ गया। गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मधुबनी से वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से हरी झंडी दिखाकर ट्रेन सेवा का शुभारंभ किया। बिथान स्टेशन से जैसे मेमू ट्रेन खुली वहां मौजूद लोग खुशी से झूम उठे। इसके साथ बिथान वासियों को भी यात्री ट्रेन की सुविधा मिल गई है।

 

मेमू पैसेंजर ट्रेन बिथान स्टेशन से 12:25 में खुलकर 12 : 51 में हसनपुर रोड जंक्शन स्टेशन पर पहुंची, जहां यात्रियों ने उत्साह के साथ इसका स्वागत किया। फिर वहां से समस्तीपुर के लिए रवाना हुई। इस ट्रेन से करीब 60 लोगों ने टिकट लेकर ट्रेन से हसनपुर तक का सफर किया। इस दौरान स्थानीय यात्रियों के चेहरे से स्पष्ट रूप से खुशी झलक रही थी। वहीं बिथान स्टेशन से कई यात्रियों ने ट्रेन में चढ़ हसनपुर तक का सफर किया और पकड़ कर वापस बिथान गये लोगों ने बताया कि बिथान से ट्रेन परिचालन शुरू हुआ है इसलिए वे इसका आनंद लेने के लिए हसनपुर तक आये थे। बिथान वासियों के लिए आज का दिन हमेशा याद रहेगा। लोगों ने एक स्वर से कहा कि तत्कालीन रेल मंत्री ललित नारायण मिश्रा। रामविलास पासवान और लालू यादव का का सपना अब साकार हुआ।

यह ट्रेन बिथान से खुलकर हसनपुर रेलवे जंक्शन और रोसड़ा होते हुए समस्तीपुर पहुंची। इस ट्रेन से उतरे यात्री भी काफी खुश नजर आ रहे थे। बिथान में रेल सेवा शुरू होने जहां लोगों को आने जाने में सुविधा होगी, वहीं क्षेत्र के विकास को भी गति मिलेगी। विदित हो कि यह जिले का इलाका बाढ़ग्रस्त है साल में 6 महीने लोग बाढ़ से प्रभावित रहते हैं। ऐसे में उन्हें नाव से ही आना-जाना करना पड़ता था। अब लोगों को बाढ़ के समय नाव की सवारी नहीं करनी होगी।

बता दें कि मिथिलांचल का ड्रीम प्रोजेक्ट हसनपुर-सकरी 79 किलोमीटर रेल परियोजना पर पिछले 50 साल से काम चल रहा है। पहली बार साल 1972 में तत्कालीन रेलमंत्री स्व. ललित नारायण मिश्रा ने इस रेल लाइन की सर्वे की घोषणा की थी। लेकिन उनकी असामायिक निधन हो गई, जिसके कारण यह परियोजना अधर में लटक गया। इसके बाद इस योजना की फाइल बंद कर दी गई।

फिर साल 1997 में स्व.रामविलास पासवान जब रेल मंत्री बने तो इस योजना को मिथिलांचल के विकास के लिए जरूरी बताते हुए फिर से फाइल खोली और फंड उपलब्ध कराकर शिलान्यास किया था। फिर जब 2004 लालू प्रसाद यादव रेल मंत्री बने तब फंड मिला।