बिहार चिकित्सा एवं जन स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के बैनर तले समस्तीपुर जिले के स्वास्थ्य कर्मियों ने एफआरएएस सिस्टम से हाजिरी बनाने की बाध्यता को खत्म करने समेत सात सूत्री मांगों को लेकर गुरुवार को सिविल सर्जन कार्यालय पर जोरदार प्रदर्शन किया। इस प्रदर्शन का नेतृत्व संघ के जिला मंत्री राजीव रंजन ने किया। प्रदर्शन से पहले महासंघ स्थल से शहर में जुलूस निकाला गया, जिसमें प्रदर्शनकारियों ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए अपनी मांगों से संबंधित तख्तियां उठा रखी थीं।
स्वास्थ्य कर्मियों ने कहा कि उप स्वास्थ्य केंद्रों में एएनएम कार्यरत हैं, जहां मूलभूत सुविधाओं का अभाव है। वहां शाम 5 बजे तक रहना खतरनाक हो सकता है। महिलाओं के लिए शौचालय जैसी आवश्यक सुविधाएं नहीं हैं, ऐसे में एफआरएएस सिस्टम से हाजिरी बनाने की बाध्यता अमानवीय है। उन्होंने मांग की कि इस सिस्टम को तत्काल रद्द किया जाए और ग्रामीण क्षेत्रों में स्थापित केंद्रों में मूलभूत सुविधाओं का विकास किया जाए। साथ ही, आवासीय व्यवस्था भी होनी चाहिए ताकि कर्मचारी वहां सुरक्षित रूप से रह सकें। जिले में आबादी के अनुसार स्वास्थ्य केंद्रों की स्थापना की भी मांग की गई, जहां वर्तमान में केवल 364 स्वास्थ्य केंद्र हैं, जबकि कम से कम 1000 होने चाहिए।
सिविल सर्जन को सौंपा ज्ञापन
सभा को संबोधित करते हुए जिला मंत्री राजीव रंजन ने कहा कि जिले के विभिन्न स्वास्थ्य केंद्रों पर 1000 से अधिक संविदा कर्मी कार्यरत हैं। GNM स्तर के कर्मियों को मात्र 10,000 से 12,000 रुपये का भुगतान मिलता है। लंबे समय से संघ समान काम के लिए समान वेतन की मांग कर रहा है। संविदा कर्मियों को भी नियमित कर्मियों की तरह वेतन मिलना चाहिए। उन्होंने यह भी बताया कि संविदा कर्मियों को पिछले चार महीने से वेतन का भुगतान नहीं हुआ है, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति बेहद खराब है। वहीं, स्वास्थ्य समिति मुख्यालय में कार्यरत कर्मियों को उनका भुगतान मिल चुका है, जिससे दोहरे व्यवहार की स्थिति उत्पन्न हो गई है। प्रदर्शन के बाद, स्वास्थ्य कर्मियों ने अपनी सात सूत्री मांगों से संबंधित ज्ञापन सिविल सर्जन को सौंपा, जो स्वास्थ्य सचिव के नाम था।