मिथिलांचल का बहुप्रतीक्षित हसनपुर-सकरी 81 किलोमीटर रेलवे परियोजना, जो पिछले 16 सालों से बाधाओं का सामना कर रही थी, अब नई दिशा में आगे बढ़ रही है। कुशेश्वर पक्षी विहार के पास से गुजरने वाली रेलवे लाइन को पर्यावरण मंत्रालय और वन विभाग की असहमति के कारण रूट बदलना पड़ा है। इससे परियोजना में देरी हुई, लेकिन अब नई दिशा में इसका कार्य शुरू कर दिया गया है।
इस परियोजना की शुरुआत 1951 में की गई थी, लेकिन बाढ़ प्रभावित क्षेत्र होने के कारण इसे कई बार रोका गया। हाल के वर्षों में, कुशेश्वर पक्षी विहार के पास से गुजरने वाली रेलवे लाइन पर पर्यावरण मंत्रालय और वन विभाग की आपत्ति ने रेलवे को अपना रूट बदलने पर मजबूर कर दिया। अब नया रूट पूर्व में 2 किलोमीटर दूर कर दिया गया है, जिससे योजना की कुल दूरी अब 81 किलोमीटर हो गई है।
रेलवे बोर्ड की मंजूरी के बाद, रेलवे निर्माण विभाग ने भूमि अधिग्रहण के लिए सर्वे का कार्य शुरू कर दिया है। इंजीनियरिंग सर्वे के दूसरे चरण में नए रूट पर पुल-पुलियों और अन्य संरचनाओं का निर्माण आकलन किया जा रहा है। इस रेलवे लाइन के पूरा होने पर मिथिलांचल और कोसी क्षेत्र के बीच दूरी कम हो जाएगी। इससे समस्तीपुर, खगड़िया और दरभंगा के साथ-साथ दक्षिण बिहार के लोगों को भी आवागमन में सहूलियत होगी। परियोजना में हसनपुर, बिथान, कुशेश्वर स्थान सहित अन्य कई स्टेशन बनाए जाएंगे, जिससे क्षेत्र में विकास की गति तेज होगी।
स्थानीय निवासी बताते हैं कि इस इलाके के लोग पिछले 50 साल से इस रेलवे लाइन का इंतजार कर रहे हैं। यह परियोजना न केवल इलाके के आवागमन को सरल बनाएगी, बल्कि क्षेत्र में रोजगार और आर्थिक विकास के नए अवसर भी खोलेगी।