Samastipur News: समस्तीपुर में निकाला गया प्रतिवाद मार्च, कोलकाता और मुजफ्फरपुर में हुए घटनाओं को लेकर

रविवार को कोलकाता, मुजफ्फरपुर के पारू और उत्तराखंड में हुई बलात्कार और हत्या की घटनाओं के विरोध में आरवाईए, आइसा, ऐपवा, इंसाफ मंच, और भाकपा-माले ने मिलकर एक प्रतिवाद मार्च निकाला। प्रदर्शनकारियों ने बंगाल सरकार को कठघरे में खड़ा करते हुए, महिला डॉक्टर के बलात्कारियों को बचाने का आरोप लगाया और विभिन्न नारों के माध्यम से सरकार के खिलाफ आक्रोश व्यक्त किया। “मुजफ्फरपुर में दलित बच्ची का बलात्कार और हत्या क्यों?” और “मोदी सरकार शर्म करो, बलात्कारियों को संरक्षण देना बंद करो,” जैसे नारे पूरे शहर में गूंजते रहे।

   

इस मार्च में शामिल छात्र-युवा और महिलाएं, भाकपा-माले के जिला कार्यालय मालगोदाम चौक से चलकर विभिन्न मार्गों से होते हुए स्टेशन चौक पर पहुंचे, जहां यह जुलूस एक सभा में परिवर्तित हो गया। सभा का नेतृत्व आरवाईए के जिला सचिव रौशन कुमार, आइसा के जिला सचिव सुनील कुमार, ऐपवा की जिला सचिव मनीषा कुमारी, इंसाफ मंच के जिला संयोजक खुर्शीद खैर और भाकपा-माले के जिला सचिव उमेश कुमार ने संयुक्त रूप से किया।

सभा को संबोधित करते हुए आरवाईए के जिला सचिव रौशन कुमार ने कोलकाता में महिला डॉक्टर के साथ हुए जघन्य अपराध की निंदा की और कहा कि देशभर में न्याय की मांग को लेकर लोग सड़कों पर उतरे हैं। उन्होंने मुजफ्फरपुर के पारू में दलित लड़की के साथ हुए बलात्कार और हत्या की घटना को सरकार की विफलता का परिणाम बताया। उन्होंने कहा कि इन घटनाओं से साफ है कि सरकार अपराधियों को संरक्षण दे रही है, जिससे उनका हौसला बढ़ा हुआ है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए रौशन कुमार ने कहा कि जब प्रधानमंत्री स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले से भाषण दे रहे थे, उसी समय बलात्कार की सजा काट रहे बाबा राम रहीम और आसाराम को पैरोल पर रिहा किया जा रहा था। उन्होंने भाजपा सांसद बृज भूषण शरण सिंह सहित अन्य पर भी गंभीर आरोप लगाए और कहा कि सरकार इन अपराधियों को खुला संरक्षण दे रही है।

   

आइसा के जिला सचिव सुनील कुमार ने कहा कि इन घटनाओं से यह स्पष्ट हो गया है कि अपराधियों में कानून का डर खत्म हो चुका है। उन्होंने बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ अभियान की असफलता पर सवाल उठाते हुए कहा कि अब महिलाओं की सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंताएं उत्पन्न हो गई हैं।

सभा के दौरान ऐपवा की जिला सचिव मनीषा कुमारी और जिला अध्यक्ष वंदना सिंह ने कहा कि सरकार का बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ का नारा खोखला साबित हो रहा है। उन्होंने मुजफ्फरपुर की घटना को लेकर सरकार पर सवाल उठाए और कहा कि इस तरह की घटनाओं से समाज में लड़कियों की सुरक्षा पर गहरा प्रभाव पड़ रहा है।

इस प्रतिवाद मार्च में विभिन्न संगठनों के सदस्य और कार्यकर्ता शामिल हुए और सरकार से बलात्कारियों को कठोर सजा देने की मांग की। उन्होंने कहा कि सरकार को ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कड़े कदम उठाने चाहिए ताकि महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।

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