Samastipur News : समस्तीपुर के एक सरकारी स्कूल में शिक्षकों की लापरवाही का मामला सामने आया है. यहां पर स्कूल की छुट्टी के बाद शिक्षक क्लास रूम में ताला लगाकर चले गए, जिससे एक बच्ची क्लास में ही बंद हो गयी। करीब 2 घंटे बाद जब गांव के एक व्यक्ति स्कूल के पास पहुंचे तो उन्होंने क्लास में बच्ची के रोने की आवाज सुनी। इसके बाद उन्होंने इसकी सूचना अन्य ग्रामीणों को दी, जिसके बाद सूचना पर पहुंचे ग्रामीणों ने तत्काल क्लासरूम का ताला तोड़कर बच्ची को बाहर निकाला। बच्ची काफी डरी हुई थी और लगातार रो रही थी।

यह पूरा मामला पटोरी प्रखंड के दरबा पंचायत क्षेत्र में स्थित एक राजकीय प्राथमिक विद्यालय का है। इस स्कूल में पढ़ने वाले एक के छात्रा को स्कूल के एक शिक्षक ने भूलवश कमरे रहते हुए ताला बंद कर दिया और अपने-अपने घर चले गए। इस बात की जानकारी ग्रामीणों को तब हुई, जब गांव के ही एक व्यक्ति खेत में गया था। तभी उसे स्कूल परिसर से एक बच्ची के रोने और चिल्लाने की आवाज सुनाई दी। इसके बाद उसने तुरंत इसकी जानकारी आसपास के ग्रामीणों को दी। जिसके बाद ग्रामीणों की भीड़ स्कूल के पास इकट्ठा हो गई।

जिसके बाद ग्रामीणों ने तत्काल स्कूल का ताला तोड़कर बच्ची के बाहर निकाला और इसका वीडियो बना लिया। बच्ची डरी हुई थी और लगातार रो रही थी। हालांकि गनीमत रही कि समय रहते उसकी आवाज किसी ने सुन ली, नहीं तो कोई अनहोनी भी हो सकती थी। इस दौरान लोगों ने शिक्षकों की लापरवाही को लेकर कड़ी नाराजगी जताते हुए जमकर हंगामा किया। लोगों का कहना था कि बच्चों की सुरक्षा की जिम्मेदारी स्कूल की है और इस तरह की चूक किसी भी हाल में माफ नहीं की जा सकती है। इसके बाद मास्टर साहब को बुलवाया गया और जब मास्टर साहब से पूछा गया कि ऐसा कैसे हुआ, तो उन्होंने जवाब दिया कि सभी बच्चे छुट्टी के बाद स्कूल से जा चुके थे। मैंने पूरे कमरे को चेक किया और फिर ताला लगाकर घर चले गए। संभवतः बच्ची किसी कोने में छुपी रही होगी, इस कारण वह देख नहीं पाए।

वहीं बच्ची के दादा राम पुकार महतो इस घटना से आहत और नाराज हैं। उन्होंने कहा कि सोचिए, अगर वह व्यक्ति खेत की ओर नहीं जाता, तो उनकी पोती का क्या होता? रात भर बच्ची अकेली स्कूल में बंद रहती न खाना, न पानी. मास्टर साहब की ये कैसी जिम्मेदारी है? ऐसी व्यवस्था में अब हम अपने बच्चों को स्कूल कैसे भेज सकते हैं ? उन्होंने प्रशासन से मांग की है कि मामले की पूरी जांच हो और लापरवाही करने वाले मास्टर पर कड़ी कार्रवाई हो. उनका कहना है कि यह लापरवाही नहीं, बच्चों की जान से खेलने के सामान है।


ग्रामीणों की विभाग से कार्रवाई की मांग : हालांकि यह घटना जानबूझकर हुई या अनजाने में यह स्पष्ट नहीं हो पाया है, लेकिन पूरे क्षेत्र में यह मामला अब चर्चा का विषय बना हुआ है। लोगों का कहना है कि इस तरह की लापरवाही पर विभाग को कार्रवाई करनी चाहिए , ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं दोबारा न हों। वहीं इस मामले आरोपी स्कूल के शिक्षक ने बताया कि कि उसे मालूम नहीं था कि बच्ची स्कूल के अंदर ही है। उन्हें ऐसा लग रहा है कि बच्ची स्कूल में ही सो गई होगी। हालांकि उस कक्षा के सभी बाहर निकल गए थे। क्योंकि काफी छुट्टी होने के काफी समय के बाद स्कूल में ताला करने के बाद ही हम लोग वापस घर गए हैं। हालांकि शिक्षक ने अपनी गलती स्वीकार कर ली है।


