UP Buffalo: एशिया के प्रसिद्ध हरिहर क्षेत्र सोनपुर मेले में उत्तर प्रदेश के बनारस से आया हुआ दो करोड़ पांच लाख का भैंसा लोगों के बीच आकर्षण का केंद्र बना हुआ है. इस भैंसे का नस्ल मुर्रा बताया जा रहा है. बनारस से इस साल सोनपुर मेले में इसे लेकर पहुंचे रामजतन यादव ने बताया कि यह अनोखा भैंसा संतरा, गेहूं, मसूर के दाने खाता है. इसके साथ ही रोजाना इसे दो बोतल बीयर भी चाहिए. जी हां, यह बीयर भी पीता है. बताया जा रहा है कि इस भैंसे से जिस भैंस का गर्भधारण कराया जाता है, उसका बच्चा उच्च नस्ल का होता है. इसलिए इस भैंसे की कीमत करोड़ों में है.
इसके अलावा दो और भी हैं भैंसें
बिहार में शराबबंदी होने की वजह से सोनपुर मेले में शराब नहीं मिल रहा और भैंसे को बीयर नहीं दी जा रही है. ऐसे में रामजतन यादव ने बताया कि बीयर न मिलने से भैंसे की चमक फीकी पड़ गई है. साथ ही वह थोड़ा सुस्त भी दिख रहा है. दूसरे भैंस को लेकर उन्होंने बताया कि दूर से आने की वजह से एक भैंस की तबीयत बिगड़ गई है, जिससे उसने दूध देना भी कम कर दिया है.
रामजतन यादव के पास इस खास भैंसा के साथ दो और भैंसे भी हैं, जो 24 लीटर और 20 लीटर दूध देती है. इन भैसों की कीमत भी चर्चा में हैं. इनमें से एक भैस की कीमत 5 लाख रुपए तो दूसरे की तीन लाख रुपए बताई जा रही है. उन्होंने बताया कि मुर्रा नस्ल की इस भैंस की सींग खासकर रिंग के आकार की होती है, जो इसे औरों से अलग बनाती है.
भैंसों की कई नस्लें पाई जाती हैं, जिनमें से कुछ इस प्रकार हैं.
मुर्रा – ये भैंसें मुख्य रूप से हरियाणा और पंजाब क्षेत्रों में पाई जाती हैं. इस नस्ल की भैंसें गहरे काले रंग की होती है. ये उच्च दुग्ध उत्पादन के लिए जानी जाती हैं और इनका दूध अधिक वसा वाला होता है.
जाफराबादी- ये नस्ल की भैंसें गुजरात के सौराष्ट्र क्षेत्र में पाई जाती हैं. इसका शरीर बड़ा और शक्तिशाली होता है. ये भैंसें भी अधिक दूध देती हैं.
मेहसाना- इस नस्ल की भैंसें गुजरात के मेहसाना जिले में पाई जाती हैं. यह मुर्रा और सूरती नस्ल के क्रॉस ब्रीड से उत्पन्न हुई हैं. इसे मुख्य रूप से दूध उत्पादन के लिए पाला जाता है.