Darbhanga Airport: दरभंगा एयरपोर्ट के नये सिविल एन्क्लेव में बहुत कुछ होगा खास, नरेंद्र मोदी 20 को करेंगे शिलान्यास.

Darbhanga Airport: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 20 अक्टूबर को दरभंगा एयरपोर्ट के नये सिविल एन्क्लेव का शिलान्यास करेंगे. लंबे इंतजार के बाद शिलान्यास की तारीख तय होने से लोगों में खुशी की लहर है. पीएम मोदी दरभंगा एयरपोर्ट के नये सिविल एन्केव का दिल्ली से ऑन लाइन शिलान्यास करेंगे. अब लोग बेसब्री से इस नए सिविल एन्क्लेव के तैयार होने का इंतजार कर रहे हैं. यह सिविल एन्क्लेव बन जाने से विमानों के परिचालन में इजाफा होने की उम्मीद की जा रही है. अहलूवालिया कॉन्ट्रैक्ट्स को दरभंगा एयरपोर्ट के नये सिविल टर्मिनल के निर्माण का ठेका दिया गया है. नये टर्मिनल भवन का निर्माण कार्य दो साल के अंदर पूरा कर लिया जाएगा.

   

विश्वस्तरीय बनेगस नया टर्मिनल
दरभंगा एयरपोर्ट का स्थायी सिविल टर्मिनल 54 एकड़ में बनेगा जो एनएच-27 सेजुड़ा रहेगा. इससे यात्रियों को एयरपोर्ट तक पहुंचने में ट्रैफिक जाम से नहीं जूझना होगा. विस्तारित एप्रन में एक साथ 14 विमानों की पार्किंग की सुविधा होगी. 24 एकड़ जमीन पर रनवे का विस्तार किया जाएगा, जिससे रात में और कुहासे के समय विमानों की आवाजाही सुलभ हो पायेगी. रनवे पर आईएलएस सिस्टम लगाने का काम भी जारी है. दरभंगा एयरपोर्ट के नए सिविल एन्क्लेव के निर्माण से यात्री सुविधाओं में वृद्धि होगी.

21 जिलों के लोगों को मिलेगी सुविधा
विश्वस्तरीय नए टर्मिनल भवन को लेकर पिछले दिनों राज्यसभा सांसद संजय झा ने कहा था कि दरभंगा एयरपोर्ट को अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट का दर्जा मिलेगा और यहां से विदेशों के लिए भी हवाई सेवा शीघ्र शुरू की जायेगी. उन्होंने कहा कि दरभंगा एयरपोर्ट पर रनवे का विस्तार करते हुए इसे अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा घोषित करना रणनीतिक रूप से अत्यंत महत्वपूर्ण होगा. यह एयरपोर्ट बिहार के 21 जिलों के करोड़ों यात्रियों को देश के अन्य हिस्सों से जोड़ता है.

 

पर्यटन और कारोबार को होगा फायदा
यह अंतरराष्ट्रीय सीमा से ज्यादा दूर नहीं है. ऐसे में इसे अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट बनाने से पूरे उत्तर बिहार के लोगों के लिए विदेश आवागमन सुविधाजनक होगा, अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों और बिजनेस ट्रेवलर्स की संख्या बढ़ेगी. इससे क्षेत्र में व्यापार और निवेश बढ़ाने के राज्य सरकार के प्रयासों को बल मिलेगा. साथ ही, अपनी समृद्ध धार्मिक एवं सांस्कृतिक परंपरा के कारण मिथिला अंतरराष्ट्रीय पर्यटन का प्रमुख केंद्र बन सकता है.

   

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