नीट पेपर लीक मामले की जांच कर रही आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) की अबतक की जांच में यह जानकारी सामने आई है कि नीट के पहले भी इस गिरोह ने बिहार की दूसरी परीक्षाओं में धांधली की थी। इसमें सिपाही भर्ती, शिक्षक भर्ती समेत अन्य परीक्षाएं शामिल हैं। ईओयू ने अबतक 16 से अधिक चेक, 6 पासबुक और 5 से अधिक एटीएम कार्ड बरामद किए हैं। ऑनलाइन ट्रांजैक्शन के कुछ स्लिप भी मिले हैं, जिनकी तफ्तीश में 10 करोड़ रुपये से अधिक के लेनदेन का खुलासा हुआ है। साथ ही बरामद करीब तीन दर्जन एडमिट कार्ड, पैन कार्ड, आधार कार्ड, अंक पत्र और अन्य प्रमाण पत्र भी मिले हैं।
पांच मई को आयोजित नीट में पेपर लीक की जानकारी मिलने के बाद पटना पुलिस और ईओयू की टीम ने पटना के एजी कॉलोनी, बेली रोड और राजवंशी नगर मोड़ में कई आरोपितों के ठिकानों पर छापेमारी की थी। इसमें नीतीश कुमार, अमित आनंद, अखिलेश कुमार और सिकंदर समेत अन्य के ठिकाने शामिल हैं। यहां से मिले दस्तावेज और चेक के बारे में ईओयू का मानना है कि ये अलग-अलग परीक्षाओं में शामिल अभ्यर्थियों से लिए गए थे। कुछ सिक्योरिटी मनी के रूप में और कुछ एडवांस के तौर पर लिए गए चेक हैं। अधिकतर लेनदेन कैश में ही हुए हैं, जिससे जांच एजेंसी के लिए यह पता लगाना मुश्किल हो रहा है कि कुल कितनी राशि इस सेटिंग के खेल में शामिल थी। सिपाही, शिक्षक भर्ती और नीट लीक की जांच कर रही ईओयू इन गिरोहों के लिंक तलाशने में जुटी है।
अब तक की जांच में यह भी स्पष्ट हुआ है कि भर्ती परीक्षाओं के तंत्र में दो स्तरों पर गिरोह सक्रिय हैं। परीक्षाओं के प्रश्न पत्र लीक करने वाला मुख्य माफिया या सेटर गिरोह अलग-अलग है, लेकिन दूसरे स्तर पर अभ्यर्थी खोजने, पैसा डील करने और विद्यार्थियों को फायदा पहुंचाने के मामले में सक्रिय गिरोहों के तार आपस में जुड़े हुए हैं। ऐसा संदेह है कि नीतीश, अमित आनंद और अखिलेश ने बीपीएससी शिक्षक बहाली के लिए संजीव मुखिया और उसके बेटे डॉ. शिव के गिरोह से संपर्क साध कर प्रश्न-पत्र प्राप्त किया था। वहीं, नीट का प्रश्न-पत्र प्राप्त करने के लिए उन्होंने अतुल वत्स और अंशुल सिंह के करीबी चिंटू समेत अन्य का सहारा लिया।
ईओयू को नीट पेपर लीक मामले के अलावा अन्य परीक्षाओं में शामिल अभ्यर्थियों के भी दस्तावेज, चेक या पासबुक मिले हैं। यह जांच की जाएगी कि ये अभ्यर्थी संबंधित परीक्षा में सफल हुए या नहीं। नीट के अलावा विधान परिषद नियुक्ति व सिपाही भर्ती समेत कई अन्य परीक्षाओं के अभ्यर्थियों के भी दस्तावेज बरामद हुए हैं।
नीट पेपर लीक मामले में अतुल वत्स का नाम प्रमुखता से सामने आया है। वह जहानाबाद के घोसी थाना अंतर्गत बंधुगंज गांव का रहने वाला है। कहा जाता है कि छह-सात साल की उम्र में ही उसका बंधुगंज से नाता टूट गया था और वह अपने पिता अरुण केसरी के साथ मुजफ्फरपुर में रहने लगा था। मामले के उजागर होने पर अतुल के परिजनों ने इस बात की पुष्टि की है। अतुल वत्स के चाचा मुरारी शर्मा, चचेरा भाई गौरी शंकर शर्मा और गांव के कुछ पड़ोसियों का कहना है कि अतुल संभवतः 1989 के बाद बंधुगंज से चला गया और फिर कभी वहां नहीं आया।