Bihar News : बिहार सरकार ने भूमि संबंधी दस्तावेजों की प्रमाणित प्रतिलिपि प्राप्त करने और राजस्व न्यायालय में मामला दायर करने की प्रक्रिया को और सरल बना दिया है। राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के सचिव जय सिंह ने इस संबंध में सभी जिलाधिकारियों को निर्देश जारी किया है। अब लोग भूमि अभिलेख पोर्टल (बिहार भूमि पोर्टल) से ऑनलाइन ही आवश्यक दस्तावेजों की प्रमाणित प्रतिलिपि प्राप्त कर सकते हैं और राजस्व न्यायालय में मामला भी दायर कर सकते हैं। इस सुविधा के लिए एक निर्धारित शुल्क लिया जाएगा, मामला दायर करने के लिए प्रति आवेदन 40 रुपये और प्रमाणित प्रतिलिपि के लिए प्रति पृष्ठ 20 रुपये। इसके अलावा जीएसटी और अन्य कर भी लागू होंगे।
वसुधा केंद्रों पर मिलेगा लाभ :
यह सुविधा सभी वसुधा केंद्रों पर उपलब्ध कराई गई है, ताकि ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों को सरकारी दफ्तरों का चक्कर नहीं लगाना पड़े। वसुधा केंद्रों के कर्मचारियों को इस नई व्यवस्था की जानकारी से लैस किया जाएगा, ताकि आम लोगों को बेहतर सहायता मिल सके। राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के सचिव जय सिंह ने निर्देश दिया है कि सीएसपी संचालकों को इस व्यवस्था से संबंधित आवश्यक प्रशिक्षण दिया जाए।
नए कदम से सुविधा बढ़ेगी, कम होगी परेशानी :
राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री डॉ. दिलीप कुमार जायसवाल ने कहा कि वसुधा केंद्र पंचायत स्तर तक उपलब्ध हैं, जिससे ये सुविधाएं आम जनता की पहुंच में होंगी। उन्होंने कहा कि इन केंद्रों के माध्यम से पहले से ही कई ऑनलाइन सेवाएं दी जा रही हैं, अब दो नई सेवाएं जुड़ने से ग्रामीण लोगों को और अधिक सुविधा होगी। मंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि इस प्रक्रिया के तहत कोई अतिरिक्त या अत्यधिक शुल्क नहीं लिया जाएगा।
राजस्व सेवाओं के लिए शुल्क:
- पंजी-2 देखने का शुल्क: 10 रुपये प्रति जमाबंदी
- पंजी देखने और ऑनलाइन भुगतान: 20 रुपये प्रति जमाबंदी
- दाखिल-खारिज आवेदन: 40 रुपये प्रति आवेदन
- भूमि मापी (भूमि सर्वेक्षण) के लिए: 40 रुपये प्रति आवेदन
लगान वसूली में कमी, विभाग सख्त :
राज्य में अब तक करीब 49 लाख जमाबंदी से लगान की वसूली नहीं हो पाई है। विभागीय समीक्षा में पता चला कि कई मामलों में अंतिम लगान का ब्योरा दर्ज नहीं है। चालू वित्तीय वर्ष में 600 करोड़ के लक्ष्य के सापेक्ष मात्र 296 करोड़ रुपये की वसूली हो सकी है। इस देरी को देखते हुए सचिव जय सिंह ने जिलाधिकारियों को पत्र लिखकर जागरूकता अभियान चलाने और राजस्व वसूली में तेजी लाने का निर्देश दिया है।
भूमि सर्वेक्षण में लापरवाही पर नाराजगी :
प्रदेश में भूमि सर्वेक्षण का काम चल रहा है, लेकिन सरकारी जमीन की रजिस्ट्री को लेकर लापरवाही बरती जा रही है। कई परियोजनाओं के लिए अधिग्रहित जमीन की रजिस्ट्री अभी तक पूरी नहीं हो सकी है। चकबंदी निदेशक राकेश कुमार ने इस मुद्दे पर नाराजगी जताई और सभी मंडलायुक्तों और जिलाधिकारियों को इस पर सख्त कार्रवाई करने का निर्देश दिया है।