बिहार शिक्षा विभाग ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है जिसमें उन्होंने विश्वविद्यालयों और डिग्री कॉलेजों के शिक्षकों और शिक्षकेतर कर्मचारियों के बैंक खातों में सीधे वेतन-पेंशन का भुगतान नहीं करने का फैसला किया है। इस फैसले से पहले विभाग ने अपने पिछले निर्णय को बदलने का निर्णय लिया है। जानकारों के अनुसार, इस मामले में विभाग ने सिद्धांतिक निर्णय ले लिया है और जल्दी ही इस संबंध में आधिकारिक पत्र जारी किया जाएगा।
पुरानी व्यवस्था से होगा भुगतान
विभाग ने फैसला किया है कि वेतन और पेंशन का भुगतान पुरानी परंपरागत व्यवस्था के तहत ही किया जाएगा। इसका मतलब है कि शिक्षा विभाग विश्वविद्यालयों के खातों में ही पैसा डालेगा और विश्वविद्यालय अपने जरिये पुराने तरीके से वेतन और पेंशन का भुगतान कर्मचारियों के खातों में करेगा। हालांकि, इस संदर्भ में अभी तक आधिकारिक पत्र जारी नहीं हुआ है, लेकिन सूत्रों का कहना है कि जल्दी ही यह पत्र जारी किया जाएगा।
सीधे भुगतान पर रोक
गौरतलब है कि पहले विभाग ने एक आदेश जारी किया था जिसमें कहा गया था कि वेतन और पेंशन की राशि सीधे शिक्षकों और कर्मचारियों के खातों में भेजी जाएगी। इसके लिए विश्वविद्यालयों और कॉलेजों के पदाधिकारियों को प्रशिक्षण भी दिया गया था। लेकिन अब इस फैसले पर रोक लगा दी गई है और पुरानी व्यवस्था को ही बरकरार रखा गया है। शिक्षा विभाग का यह निर्णय विश्वविद्यालयों और कॉलेजों के कर्मचारियों के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि इससे वेतन और पेंशन का भुगतान पुरानी और स्थापित प्रक्रिया के तहत ही किया जाएगा। इससे कर्मचारियों को किसी नई प्रक्रिया से जुड़ी समस्याओं का सामना नहीं करना पड़ेगा और वेतन-पेंशन का भुगतान सुचारु रूप से होता रहेगा।