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Bihar Government School : बिहार के 71 हजार स्कूलों में उपलब्ध पीने के पानी की जांच कराई जाएगी.

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By Samastipur Today Desk

 


 

Bihar Government School : बिहार के 71 हजार स्कूलों में उपलब्ध पीने के पानी की जांच कराई जाएगी.

 

बिहार के लाखों विद्यार्थियों के लिए जल्द ही एक बड़ा कदम उठाया जाएगा, जिसमें स्कूलों में पेयजल की गुणवत्ता की व्यापक जांच होगी। यह पहल न केवल छात्रों को स्वच्छ और सुरक्षित पानी उपलब्ध कराने पर जोर देती है, बल्कि इससे जुड़े स्वास्थ्य संबंधी जोखिमों को भी कम करने का लक्ष्य है।

 

राज्य के 71,863 स्कूलों में, जहां करीब 1.40 करोड़ बच्चे पढ़ाई करते हैं, पेयजल की गुणवत्ता की जांच की जाएगी। इस प्रक्रिया में पानी के रंग, टंकी की सफाई, पाइपलाइनों की स्थिति और पानी में मिनरल की मात्रा की जांच की जाएगी। छात्रों और शिक्षकों की अशुद्ध पानी को लेकर की गई शिकायतों के मद्देनजर यह कदम उठाया गया है।

ग्रामीण और पहाड़ी इलाकों में यह समस्या ज्यादा गंभीर है। गंगा के किनारे स्थित पटना, बक्सर, भोजपुर, और बेगूसराय जैसे जिलों के अलावा गया और कैमूर जैसे पहाड़ी जिलों में पानी की गुणवत्ता खराब होने की अधिक शिकायतें सामने आई हैं। इन इलाकों के स्कूलों में मिड-डे मील तक की तैयारी के लिए घरों से पानी लाना पड़ता है।

इस जांच के लिए पीएचईडी (सार्वजनिक स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग) को जिम्मेदारी सौंपी गई है। विभाग का दावा है कि पेयजल की समस्या को लेकर वह सक्रिय है और शिकायतों पर तत्काल कार्रवाई करता है।

जांच के मुख्य बिंदु:

  • दूषित पानी वाले स्रोतों को तुरंत बंद किया जाएगा।
  • स्कूलों में लगे चापाकल और टंकियों की सफाई सुनिश्चित होगी, और उसकी जानकारी रिकॉर्ड की जाएगी।
  • पानी सप्लाई पाइपलाइनों की स्थिति का विश्लेषण होगा।
  • स्कूलों में सबमर्सिबल पंप और रेन वाटर हार्वेस्टिंग जैसी योजनाओं को बढ़ावा दिया जाएगा।

खास मामलों पर नजर:

  • भोजपुर जिले में एक घटना के दौरान चापाकल का पानी पीने से कई छात्रों की तबीयत बिगड़ गई।
  • नालंदा में दूषित पानी से 9 बच्चों की हालत खराब हो गई थी।
  • सुल्तानगंज के एक स्कूल में बोरिंग के बाद भी अशुद्ध पानी निकलने की समस्या बनी रही।

शिक्षा मंत्री सुनील कुमार ने कहा कि स्कूलों में न केवल पढ़ाई बल्कि स्वास्थ्य, खेलकूद और स्वच्छता जैसी गतिविधियों पर भी ध्यान दिया जा रहा है। यदि कोई समस्या पाई जाती है तो उसे जल्द से जल्द हल करने का प्रयास किया जाता है।

Conclusion in Hindi: