बिहार सिपाही बहाली प्रक्रिया में नॉन क्रीमी लेयर (एनसीएल) और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) के प्रमाणपत्रों को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। हजारों अभ्यर्थी अपनी मांगों को लेकर पटना के गर्दनीबाग में धरना दे रहे हैं। यह मुद्दा बहाली प्रक्रिया में बड़े व्यवधान का कारण बनता जा रहा है, जिससे चयन प्रक्रिया पर सवाल उठ रहे हैं।
विवाद का मूल:
2023 के सिपाही बहाली विज्ञापन में यह स्पष्ट नहीं किया गया था कि एनसीएल और ईडब्ल्यूएस प्रमाणपत्रों को फॉर्म भरते समय ऑनलाइन जमा करना अनिवार्य है। इस कारण कई अभ्यर्थियों ने समय पर ये प्रमाणपत्र नहीं बनवाए। अब चयन पर्षद केवल विज्ञापन के बाद और वर्तमान में जारी प्रमाणपत्रों को मान्यता दे रहा है, जिससे लगभग 35-40 हजार अभ्यर्थी प्रभावित हुए हैं।
धरने पर अभ्यर्थी:
गर्दनीबाग में पिछले एक सप्ताह से लगभग 4 हजार अभ्यर्थी धरने पर बैठे हैं। उनकी मांग है कि केंद्रीय चयन पर्षद (सिपाही भर्ती) विज्ञापन से पहले जारी प्रमाणपत्रों को भी स्वीकार करे। अभ्यर्थियों ने कहा है कि इस बार लिखित परीक्षा निष्पक्ष और गड़बड़ी से मुक्त रही है।
फिजिकल टेस्ट की तैयारी:
9 दिसंबर 2024 से 10 मार्च 2025 तक पटना हाई स्कूल, गर्दनीबाग में फिजिकल टेस्ट आयोजित किया जाएगा। यह प्रक्रिया सुबह 7 बजे शुरू होगी।
- कुल 1,07,079 उम्मीदवार फिजिकल टेस्ट के लिए बुलाए गए हैं।
- इनमें 67,518 पुरुष, 39,550 महिलाएं, और 11 ट्रांसजेंडर शामिल हैं।
- फिजिकल टेस्ट के साथ ही उसी दिन प्रमाणपत्रों की जांच भी की जाएगी।
पर्षद का रुख:
चयन पर्षद ने अभ्यर्थियों की मांगों को लेकर कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया है। प्रतिनिधिमंडल ने कार्यालय में मांगपत्र सौंपने की कोशिश की, लेकिन अधिकारियों से मुलाकात नहीं हो सकी।