सोमवार को मोजाहिदपुर बिजली कार्यालय में 25-30 ऐसे लोग शिकायत करने पहुंचे थे, जिन्होंने रिचार्ज तो कराया था, लेकिन इसके घंटों बाद भी बिजली चालू नहीं हो सकी थी। लोगों ने आरोप लगाया कि रिचार्ज कराने के घंटों बाद भी बिजली नहीं आती है।

इसकी जब शिकायत करने के लिए कॉल करते हैं तो कर्मचारी रिसीव नहीं करता है। कॉल सेंटर के कर्मचारी किसी का फोन रिसीव नहीं करते हैं। इस कारणवश उन्हें कार्यालय चक्कर लगा पड़ रहा है।

विद्युत कार्यालय में जिस कर्मचारी को स्मार्ट मीटर की शिकायत का निवारण के लिए कॉल सेंटर की जिम्मेदारी सौंपी गई है, वह स्मार्ट मीटर लगाने वाली एजेंसी जीनस पावर प्राइवेट लिमिटेड नामक कंपनी की है।


उपभोक्ताओं की कॉल को किया जा रहा नजरअंदाज
बिजली कंपनी के कर्मियों का भी कहना है कि फोन की घंटी बजती रहती है, लेकिन वह रिसीव नहीं करता है। इस वजह से उपभोक्ताओं के कॉल को नजरअंदाज किया जाता है।

उपभोक्ताओं का कहना है कि स्मार्ट मीटर तो लगा दिया गया, लेकिन बिजली कंपनी के अभियंताओं की कार्यशैली और व्यवस्थागत खामिया की वजह से उन्हें रिचार्ज कराने के बाद भी बिजली संकट का सामना करना पड़ता है।
उपभोक्ताओं की शिकायत को सहायक अभियंता जितेंद्र कुमार ने गंभीरता से लिया और सभी के घरों की बिजली चालू कराई। बिजली चालू होने के बाद सभी लोग कार्यालय से लौटे गए।
ऐसे स्मार्ट मीटर का क्या फायदा?
स्मार्ट मीटर के रिचार्ज के बाद भी बिजली चालू नहीं होने की समस्या का समाधान नहीं हो पा रहा है। रिचार्ज के बावजूद घंटों बैलेंस अपलोड नहीं होने से फीडर चालू रहने के बावजूद उपभोक्ताओं को बिजली नहीं मिल पा रही है। ऐसी स्थिति में बिजली आपूर्ति बाधित रहने की समस्या ने उपभोक्ताओं की समस्या बढ़ा दी है।
पिछले 10 दिनों में दो बार खड़ी हुई ये समस्या
पिछले 10 दिनों दो बार इस तरह की समस्या खड़ी हुई है। घर में बिजली के स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगा है। बैलेंस खत्म होने के बाद रिचार्ज करने पर अपडेट होने में इसको समय लग रहा है। इस दौरान बैलेंस तो दिखता है पर पंखा और लाइट का उपयोग नहीं कर सकेंगे।
नई तकनीक पर आधारित स्मार्ट बिजली मीटर में सबसे ज्यादा समस्या अचानक से पैसा कट जाना है। जो लोगों के लिए परेशानी बन गई है। आए दिन उपभोक्ता इसकी शिकायत लेकर बिजली कार्यालय पहुंचते हैं। इसके बावजूद इस समस्या के स्थायी समाधान की दिशा में ठोस पहल नहीं की जा सकी है।