Samastipur News : समस्तीपुर जिले के प्रत्येक प्रखंड में एक मॉडल स्कूल खुलेगा। इसके लिए विभागीय तैयारी शुरू हो गई है। इसे उत्कृष्ट मॉडल के रूप में विकसित किया जाएगा, ताकि अन्य विद्यालय इसका अनुसरण कर खुद को बेहतर बना सकें। इसका चयन भी जिला स्तर पर होगा। शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस सिद्धार्थ के निर्देशानुसार मॉडल स्कूल बनाने की प्रक्रिया जिला मुख्यालय से शुरू होगी। सबसे पहले यहां के एक विद्यालय का चयन कर उसे मॉडल रूप दिया जाएगा।
यह योजना तीन चरणों में पूरी होगी। पहले चरण में यह योजना जिला मुख्यालय में लागू होगी, फिर दूसरे चरण में इस योजना का विस्तार अनुमंडल और प्रखंडों में किया जाएगा। इसका उद्देश्य सभी विद्यालयों को बेहतर बनाना है। वहीं, जरूरत के हिसाब से शिक्षकों की प्रतिनियुक्ति भी की जा सकेगी। डीएम की अध्यक्षता में जिला स्तरीय स्थापना समिति होगी। इससे जरूरत के हिसाब से विषय और कक्षा के हिसाब से अलग-अलग स्कूलों में शिक्षकों की प्रतिनियुक्ति हो सकेगी। कई स्कूलों में जरूरत के मुताबिक विज्ञान और अंग्रेजी के शिक्षक नहीं हैं। इसीलिए यह आदेश दिया गया है।
वहीं अब स्कूलों में पहली घंटी गणित की होगी, जबकि दूसरी घंटी रीडिंग की होगी। इस व्यवस्था को लागू करने के लिए 100 दिन की कार्ययोजना है। तय किया गया है कि 100 दिन 100 घंटे गणित और 100 दिन 100 घंटे रीडिंग के लिए होंगे। इसके पीछे मकसद बच्चों को गणित और रीडिंग में सक्षम बनाना है। हाल ही में एक सर्वे में यह बात सामने आई थी कि सरकारी स्कूलों के बच्चे गणित और रीडिंग में कमजोर हैं। इस नई व्यवस्था से उनकी यह कमजोरी दूर हो सकेगी। स्थानीय स्तर पर अन्य कक्षाएं चलाने की व्यवस्था की जाएगी।
इसके अलावा कंप्यूटर क्लास को लेकर भी सरकार गंभीर है। सरकार संबंधित स्कूलों में कंप्यूटर क्लास चलाने की व्यवस्था करने की भी तैयारी कर रही है। शिक्षा की स्थिति सुधारने के लिए हर माह के एक शनिवार को शिक्षक-अभिभावक संगोष्ठी आयोजित करने का आदेश दिया गया है। इसमें अभिभावकों को आमंत्रित किया जाएगा।