बिहार के सरकारी स्कूलों में चौथी और पांचवीं के बच्चों को भी कम्प्यूटर की शिक्षा दी जाएगी। शिक्षा विभाग ने इस दिशा में पहल शुरू की है। यह जानकारी शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस. सिद्धार्थ ने दी।
वे शनिवार को ‘शिक्षा की बात’ के एपिसोड-2 में शिक्षकों के सवालों का जवाब दे रहे थे। डॉ. सिद्धार्थ ने कहा कि अभी 6 से 8 तक के लिए सरकार ने एक किताब प्रकाशित की है। इसे आगे और विस्तारित किया जाएगा। हालांकि, यह व्यवस्था सिलसिलेवार तरीके से नीचे के वर्गों में प्रयुक्त होगा। पहले वर्ग 4 और 5 के बच्चों को कम्प्यूटर शिक्षा मिलेगी। फिर आगे इसे और विस्तारित करेंगे।
अपर मुख्य सचिव ने बताया कि मीड डे मील योजना को लेकर विभाग पायलट प्रोजेक्ट पर काम कर रहा है। प्रयोग सफल रहा तो चरणबद्ध तरीके से मीड डे मील योजना से प्रधानाध्यापक पूरी तरह हट जाएंगे। हमने इसको लेकर अन्य राज्यों की व्यवस्था का अध्ययन किया है। वहां प्रधानाध्यापक यह कार्य नहीं करते हैं। हमने 10 जिलों में दो-दो पंचायतों में यह प्रयोग शुरू किया है। परिणाम सफल रहा तो सभी विद्यालयों से प्रधानाध्यापकों को इस कार्य से मुक्त किया जाएगा। अपर मुख्य सचिव ने बताया कि स्कूली बच्चों के शैक्षिक किट में अगले साल से दो अतिरिक्त कॉपियां होंगी। स्कूल निरीक्षण के क्रम में उन्होंने देखा है कि अभी बच्चे एक ही कॉपी में कई विषयों का काम कर रहे हैं। उन्होंने अभिभावकों से भी बच्चों को कॉपी देने की अपील की और कहा कि छात्रवृत्ति की राशि को शैक्षिक कार्यों में खर्च करें।