समस्तीपुर के ताजपुर रोड स्थित बैंक ऑफ बड़ौदा में एक बड़े घोटाले का पर्दाफाश हुआ है, जहाँ नकली सोने का इस्तेमाल कर गोल्ड लोन लेने की जालसाजी सामने आई है। इस मामले में 25 खाताधारक और बैंक के तीन पैनल स्वर्ण जांचकर्ता मुख्य आरोपी हैं। बैंक द्वारा हाल ही में किए गए आंतरिक लेखा परीक्षण के दौरान यह धोखाधड़ी उजागर हुई, जिसके बाद बैंक ने नगर थाना में शिकायत दर्ज कराई है।
बैंक ऑफ बड़ौदा की ताजपुर रोड शाखा में हुई इस धोखाधड़ी की जांच में पता चला कि नकली स्वर्ण आभूषण गिरवी रखकर 25 खाताधारकों को लगभग 59 लाख रुपये का लोन स्वीकृत किया गया। बैंक के क्षेत्रीय प्रबंधक राजीव कुमार चौधरी द्वारा दर्ज शिकायत में आरोप है कि स्वर्ण आभूषणों की गुणवत्ता जांचने वाले पैनल जांचकर्ताओं ने सही आकलन नहीं किया और गलत रिपोर्ट पेश की। बैंक ने बताया कि स्वर्ण ऋण स्वीकृति के समय, आवेदकों के आभूषणों की शुद्धता को सही तरीके से नहीं परखा गया, जिससे खाताधारकों ने जालसाजी कर गोल्ड लोन स्वीकृत कराया। जब बैंक के आंतरिक लेखा परीक्षण में आभूषणों की पुनः जांच की गई, तो सामने आया कि गिरवी रखे गए आभूषण नकली हैं।
प्राथमिकी में नामजद आरोपियों में 25 खाताधारकों के नाम शामिल हैं, जिनमें आदर्शनगर मोहल्ला, ताजपुर रोड, और अन्य स्थानों के निवासी हैं। इसके साथ ही, इस धोखाधड़ी में पैनल स्वर्ण जांचकर्ताओं की संलिप्तता की भी बात सामने आई है। बैंक के पैनल स्वर्ण जांचकर्ताओं – सिंघिया खुर्द के मनोज कुमार साह, शंभूपट्टी के अमरजीत साह, और ताजपुर रोड के राहुल कुमार – पर आरोप है कि उन्होंने नकली आभूषणों को असली बताकर बैंक को धोखे में रखा। प्रथम दृष्टया ऐसा प्रतीत होता है कि इन जांचकर्ताओं ने खाताधारकों के साथ मिलकर इस घोटाले को अंजाम दिया और बैंक को आर्थिक नुकसान पहुंचाया।
थानाध्यक्ष आशुतोष कुमार ने बताया कि मामले की प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है और धोखाधड़ी में शामिल सभी आरोपियों पर कार्रवाई की जाएगी। इसके अलावा, बैंक प्रशासन ने यह सुनिश्चित किया है कि भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए सभी प्रक्रियाओं की समीक्षा और सख्त कदम उठाए जाएँगे।