समस्तीपुर शहर में बिजली व्यवस्था एक बड़ी चुनौती बनी हुई है। सालभर ट्रांसफार्मर और सबस्टेशन के मेंटनेंस के बावजूद हल्की हवा और बारिश में बिजली गुल हो जाती है, जिससे शहरवासियों को भारी असुविधा का सामना करना पड़ रहा है। गर्मी के मौसम में यह समस्या और गंभीर हो जाती है, जब बिजली कटौती से लोगों का जीवन अस्त-व्यस्त हो जाता है।
हाल के दिनों में शहर में बार-बार होने वाली बिजली कटौती ने गर्मी के साथ-साथ व्यापार और दैनिक जीवन को भी बुरी तरह प्रभावित किया है। बिजली कंपनी द्वारा किए गए मेंटनेंस कार्यों के बावजूद, बारिश या थोड़ी सी हवा चलते ही शहर में बिजली की सप्लाई ठप हो जाती है। सोमवार को हुई बारिश के बाद मंगलवार को शहर के बड़े हिस्से में करीब 6 घंटे तक बिजली गुल रही, जिससे लोगों को भारी परेशानी हुई।
बिजली कंपनी के अधिकारी इस समस्या के पीछे प्राकृतिक आपदाओं को जिम्मेदार बताते हैं, जैसे तेज हवा से पेड़ की टहनियों का बिजली लाइनों पर गिरना। वहीं, उपभोक्ताओं का कहना है कि यदि पेड़ों की टहनियों की समय पर छंटाई की जाए और जंपरों की नियमित पेट्रोलिंग हो, तो इस समस्या से काफी हद तक बचा जा सकता है। समस्तीपुर के प्रमुख बिजली सबस्टेशन जैसे मगरदही पावर हाउस, जितवारपुर पीएसएस, और कर्पूरीग्राम के फीडरों में बार-बार फॉल्ट होते हैं, जिससे बड़े हिस्सों में बिजली की आपूर्ति प्रभावित होती है। इन फॉल्ट्स को ठीक करने के लिए 33 केवी की लाइनें बंद करनी पड़ती हैं, जिससे शहर के कई क्षेत्रों में घंटों तक बिजली नहीं रहती।
बिजली की बढ़ती मांग और गर्मी के कारण स्थिति और खराब हो रही है। उपभोक्ताओं द्वारा काल सेंटर पर रोजाना सैकड़ों शिकायतें दर्ज कराई जा रही हैं, लेकिन समस्या का स्थायी समाधान अब तक नहीं मिल पाया है। तापमान बढ़ने के साथ-साथ बिजली की खपत भी दोगुनी हो चुकी है, जिससे फॉल्ट की घटनाएं और बढ़ गई हैं।