कोरोना काल की भयावहता के बाद जिस ऑक्सीजन प्लांट को समस्तीपुर सदर अस्पताल (Samastipur Sadar Hospital) में जीवनदायिनी व्यवस्था के रूप में स्थापित किया गया था, वह आज खुद गंभीर लापरवाही की भेंट चढ़ गया है। महीनों से बंद पड़े प्लांट और टेक्नीशियन की कमी के कारण मरीजों को आवश्यक ऑक्सीजन तक सुचारू रूप से नहीं मिल पा रही है।

समस्तीपुर सदर अस्पताल में स्थित ऑक्सीजन प्लांट तकनीकी कारणों और स्टाफ की कमी के चलते बंद पड़ा है। प्लांट के जरिये वार्डों में पाइपलाइन से ऑक्सीजन की आपूर्ति ठप है, जिससे मरीजों को गंभीर असुविधा का सामना करना पड़ रहा है। वर्तमान में अस्पताल प्रबंधन द्वारा मरीजों को ऑक्सीजन कंसंट्रेटर के माध्यम से राहत देने की कोशिश की जा रही है, लेकिन बिजली की अनियमित आपूर्ति के कारण यह विकल्प भी पूरी तरह प्रभावी नहीं है।

सिविल सर्जन डॉ. एस.के. चौधरी के अनुसार, प्लांट को दोबारा चालू कराने की प्रक्रिया जारी है। उन्होंने बताया कि कोविड काल के दौरान भविष्य की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए इस प्लांट का निर्माण कराया गया था, ताकि किसी आपात स्थिति में मरीजों को ऑक्सीजन की किल्लत न हो।


विडंबना यह है कि पूरे सदर अस्पताल में केवल एक ही टेक्नीशियन नियुक्त है, जो सिर्फ एक शिफ्ट में काम करता है। शेष समय प्लांट बंद रहता है क्योंकि बिना प्रशिक्षित कर्मियों के उसे चलाना संभव नहीं। यही नहीं, दलसिंहसराय, पटोरी, रोसड़ा और पूसा अनुमंडल अस्पतालों में भी ऑक्सीजन प्लांट हैं, परंतु कहीं भी स्थायी तकनीकी स्टाफ की तैनाती नहीं हो सकी है।



