समस्तीपुर रेल मंडल ने फॉग पायलट असिस्टेंट सिस्टम जैसे अत्याधुनिक उपकरण लगाए हैं, जो ट्रेन चालकों को कोहरे के दौरान वास्तविक समय में नेविगेशन में मदद करते हैं। इस तकनीक से दृश्यता कम होने पर भी ट्रेनें सुरक्षित और सुचारु रूप से चल सकेंगी।
रेलवे ट्रैक और उपकरणों की निगरानी:
रेलवे प्रशासन ने ट्रैक और ओवरहेड उपकरणों की नियमित जांच और उन्नयन सुनिश्चित किया है। अल्ट्रासोनिक फ्लॉ डिटेक्शन तकनीक का उपयोग करके रेलपथ में संभावित खतरों का पहले ही पता लगाया जा रहा है। इसके साथ ही लॉन्ग वेल्डेड रेल्स (LWR) और कंटीन्यूअस वेल्डेड रेल्स (CWR) की डी-स्ट्रेसिंग और ज्वाइंट्स की गहन जांच की जा रही है, ताकि ठंड के कारण क्रैक जैसी समस्याओं को रोका जा सके।
सिग्नलिंग सिस्टम का उन्नयन:
रेल मंडल ने फॉग पास सिग्नलिंग सिस्टम को सक्रिय कर दिया है, जो कोहरे के दौरान ट्रेनों की गति को नियंत्रित करने में मदद करता है। इस सिस्टम से न केवल समय की बचत होगी, बल्कि ट्रेनों के सुरक्षित परिचालन को भी सुनिश्चित किया जाएगा।
अतिरिक्त कर्मचारियों की तैनाती:
कोहरे के कारण होने वाले जोखिमों को कम करने के लिए अतिरिक्त रेलवे कर्मचारियों को ट्रेनों की गति और सुरक्षा की निगरानी के लिए तैनात किया गया है। ये कर्मचारी रेलपथ का नियमित निरीक्षण करते हुए संभावित समस्याओं को समय रहते हल करेंगे।
डीआरएम का बयान:
मंडल रेल प्रबंधक विनय श्रीवास्तव ने कहा, “हमारी प्राथमिकता यात्रियों की सुरक्षा है। सर्दियों में कोहरे के कारण रेलपथ और परिचालन से संबंधित सभी चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए हमने जरूरी कदम उठाए हैं। हमारी कोशिश है कि यात्री सुरक्षित और सुविधाजनक यात्रा का अनुभव करें।”