समस्तीपुर जिले में सोमवार से 102 नंबर एम्बुलेंस सेवा के सभी चालक और कर्मचारी हड़ताल पर चले गए हैं। जिले के विभिन्न अस्पतालों में इलाज करवा रहे मरीजों को इस कारण गंभीर परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। हड़ताल का मुख्य कारण नई एम्बुलेंस एजेंसी के ठेके का विरोध है, जिससे पुराने कर्मियों को हटाने की आशंका जताई जा रही है।

समस्तीपुर जिले में चलने वाली 68 एम्बुलेंस सेवाओं के चालक और कर्मचारी सोमवार दोपहर से अपनी मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन पर बैठे हैं। प्रदर्शनकारियों ने सदर अस्पताल में एम्बुलेंस खड़ी कर अपना विरोध जताया। 102 नंबर एम्बुलेंस कर्मचारी संघ के जिला सचिव अमन कुमार झा ने बताया कि जिले में ढाई सौ से अधिक कर्मचारी एम्बुलेंस सेवाओं में कार्यरत हैं।

उनका आरोप है कि सरकार ने एम्बुलेंस संचालन करने वाली पुरानी एजेंसी को हटाकर नई एजेंसी को ठेका दे दिया है, जो पुराने कर्मचारियों को हटाकर नए कर्मी रखना चाहती है। इसके साथ ही, पुराने ठेकेदार के पास कई कर्मचारियों की बकाया राशि है, जिसका अब तक भुगतान नहीं किया गया है। कर्मियों का कहना है कि जब तक उनकी पूरी बकाया राशि का भुगतान नहीं होता और नई एजेंसी उनके भविष्य को लेकर स्पष्ट नहीं होती, तब तक वे काम पर नहीं लौटेंगे।

सिविल सर्जन डॉक्टर एस. के. चौधरी ने बताया कि एम्बुलेंस सरकार की संपत्ति है, जिसे निजी एजेंसियां संचालित करती हैं। सरकार ने नई एजेंसी को संचालन का ठेका दिया है, और इसके लिए जिम्मेदार एजेंसी कर्मी हैं। उन्होंने बताया कि मरीजों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए वैकल्पिक उपाय किए जा रहे हैं, जैसे कि निजी एम्बुलेंस सेवाओं को सरकारी दरों पर उपलब्ध कराना। इसके साथ ही, वे समस्या का समाधान निकालने के लिए प्रदर्शनकारियों से भी बातचीत कर रहे हैं।
