समस्तीपुर जिले के उजियारपुर थाना क्षेत्र के माधोडीह गांव में दो दिन पहले मुर्गी फार्म कारोबारी विक्रम गिरी की ताबड़तोड़ गोलीबारी में हत्या कर दी गई। अपराधियों ने उस पर सात गोलियां दागीं, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। पुलिस का मानना है कि यह हत्या इलाके में वर्चस्व की लड़ाई का नतीजा है।

नेपाली हत्याकांड से मिलती-जुलती वारदात
यह घटना चार साल पहले हुए चर्चित संदीप उर्फ नेपाली हत्याकांड की तर्ज पर अंजाम दी गई। 28 अगस्त 2020 को माधोपुर में नेपाली को भी अपराधियों ने खदेड़कर सात गोली मार दी थी। ठीक उसी तरह विक्रम पर भी अपराधियों ने तब तक फायरिंग की जब तक उसकी मौत नहीं हो गई।

पुलिस ने घटना स्थल से सात खोखा बरामद किया है। दलसिंहसराय डीएसपी विवेक कुमार शर्मा का कहना है कि दोनों वारदातों का तरीका एक जैसा है, इसलिए इस हत्या को भी वर्चस्व की लड़ाई से जोड़कर देखा जा रहा है।

जेल से छूटने के बाद खोला था मुर्गी फार्म
मृतक विक्रम गिरी पहले संदीप उर्फ नेपाली हत्याकांड का अभियुक्त रहा है और डेढ़ साल जेल में रहने के बाद इसी साल मार्च में जमानत पर बाहर आया था। परिजनों का कहना है कि जेल से छूटने के बाद उसने जीवन यापन के लिए मुर्गी फार्म शुरू किया और पंचायत के मुखिया मनोरंजन गिरी के साथ मिलकर मनरेगा का काम भी करने लगा।

विक्रम के चाचा संदीप गिरी का आरोप है कि भतीजे की तरक्की मुखिया को रास नहीं आई। दोनों के बीच मनरेगा काम को लेकर कुछ दिनों से विवाद चल रहा था। इसी साजिश के तहत विक्रम की हत्या कराई गई।

ऐसे मारी गई गोली
घटना के दिन विक्रम दोपहर में घर से सातनपुर चौक की ओर जा रहा था। इसी दौरान पांच बदमाशों ने उसे घेर लिया। खुद को घिरा देख वह भागने लगा, लेकिन अपराधियों ने खदेड़कर उस पर ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी। घटना स्थल उसके घर से मात्र 500 मीटर की दूरी पर था।

तीन गिरफ्तार, पूछताछ जारी
इस मामले में पुलिस ने गांव के तीन लोगों को हिरासत में लिया है और उनसे पूछताछ की जा रही है। विक्रम पर संदीप उर्फ नेपाली हत्याकांड सहित कुल छह आपराधिक मामले दर्ज थे, जिनमें वह बेल पर चल रहा था।

