प्रखंड क्षेत्र के अलग-अलग पंचायतों में 7 मुख्य सड़कों की स्थिति जीर्णोद्धार के बिना अब जर्जर हो चुकी है। सड़कों के जर्जर होने का मुख्य कारण पिछले 20 सालों से इसका जीर्णोद्धार नहीं किया जाना है। जीर्णोद्धार के बिना इन सड़कों पर जगह-जगह छोटे-बड़े गड्ढे बन गए हैं। जिसके कारण दो पहिया व चार पहिया वाहनों को इस रास्ते से होकर गुजरने में कठिनाई का सामना करना पड़ता है। लोग वाहनों के सहारे रास्ता बदलकर सफर तय करने को विवश हैं। सड़कों की जर्जर स्थिति को देखने से ही यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि इन सड़कों से होकर अपने गंतव्य तक की यात्रा करना जान जोखिम में डालने के समान है। बारिश के दिनों में तो इन सड़कों की स्थिति और अधिक नारकीय हो जाती है। जर्जर सड़कों में बने गड्ढे में जलजमाव व कीचड़ की स्थिति उत्पन्न हो जाती है। जिस कारण लोगों का पैदल चलना भी मुश्किल हो जाता है। वाहन असंतुलित होकर दुर्घटनाग्रस्त भी होते रहे हैं।
इन सड़कों की स्थिति है जर्जर प्रखंड क्षेत्र की जो सड़कें जीर्णोद्धार के बिना जर्जर हैं। उनमें हसनपुर-बरैपुरा-सिहमा चौक होते हुए रोसड़ा, हसनपुर बाजार रजवा रोड से काले, नवटोलिया से छोटकी रजवा गांव होते हुए रजवा रोड मुख्य मार्ग तक, सकरपुरा गांव के बीचोंबीच रोसड़ा जाने वाली मुख्य सड़क से हसनपुर जाने वाली मुख्य सड़क तक, दूधपुरा से मंगलगढ, डुमरा गांव के दक्षिणी हिस्से से पटोरी गांव होते हुए मालीपुर मुख्य सड़क तक, लरझा घाट से बेलसंडी होते हुए कुशेश्वरस्थान तक मुख्य सड़क शामिल हैं। इन सड़कों से होकर वाहनों के जरिए यात्रा करना जान जोखिम में डालने के समान है।
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