Bihar

Migration in Bihar : घर में मिलने लगा रोजगार, बिहार से पलायन की घटी रफ्तार.

Migration in Bihar: काम-धंधे और रोजगार के लिए बिहार से दूसरे राज्य जाने वाले कामगारों की संख्या में पिछले 12 वर्षों के दौरान रिकॉर्ड कमी आई है. प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद (ईएसी-पीएम) ने अपनी एक रिपोर्ट में राज्यों की समृद्धि की तस्वीर दिखाते हुए कहा है कि बिहार में लोगों को अपने घर में रोजगार मिलने लगा, तो उनके बाहर जाने की रफ्तार में कमी आई है.

राजस्थान और कर्नाटक से पलायन बढ़े :

रिपोर्ट में कहा गया है, “अधिक से अधिक संख्या में पलायन करने वाले लोगों को (इंटर-स्टेट पलायन) को आकर्षित करने वाले टॉप पांच राज्यों के स्ट्रक्चर में बदलाव आया है. इंटर-स्टेट पलायन करने वाले कम दूरी वाले जगहों में पश्चिम बंगाल और राजस्थान नई एंट्री मारने वाले राज्यों में टॉप पर हैं, जबकि आंध्र प्रदेश और बिहार अब एक पायदान नीचे हैं.” रिपोर्ट के अनुसार, “पश्चिम बंगाल, राजस्थान और कर्नाटक ऐसे राज्य हैं, जहां आने वाले यात्रियों की प्रतिशत हिस्सेदारी में अधिकतम बढ़ोतरी देखी गई है, जबकि महाराष्ट्र और आंध्र प्रदेश ऐसे राज्य हैं, जहां कुल पलायन करने वालों की प्रतिशत हिस्सेदारी में कमी आई है.”

बिहार में सहरसा टॉप पर, दिल्ली अब भी पहली पसंद :

रिपोर्ट में दिये गये आंकड़ों के अनुसार बिहार के सहरसा जिले से सबसे अधिक पलायन होता है. दिल्ली बिहारियों की पहली पसंद बनी हुई है. रिपोर्ट में कहा गया है, “ सहरसा से पलायन करने वाले लोग सबसे अधिक मुंबई, बेंगलुरु शहरी, हावड़ा, मध्य दिल्ली, हैदराबाद आदि जिलों में जाते हैं.” इसी रिपोर्ट के अनुसार, राज्य स्तर पर बिहार-दिल्ली अब भी टॉप के जोड़ी राज्य हैं, जहां से लोग पलायन करके पहुंचते हैं. बिहार-दिल्ली का मतलब यह कि बिहार के लोग पलायन करके दिल्ली पहुंच रहे हैं.

प्रवासी कामगारों की संख्या में 12 प्रतिशत की कमी :

भारत में 2011 में प्रवासी कामगारों की संख्या 45.57 करोड़ थी, 2023 में घटकर 40.20 करोड़ रह गई. इस तरह प्रवासी कामगारों की संख्या में 12 प्रतिशत की कमी देखी गई है. ईएसी-पीएम के पूर्व चेयरमैन बिबेक देबराय द्वारा लिखे गए पेपर में कहा गया है,”हमारा अनुमान है कि यह प्रवासन के प्रमुख क्षेत्रों में या उसके निकट शिक्षा, स्वास्थ्य, बुनियादी ढांचे और संपर्क जैसी बेहतर सेवाओं की उपलब्धता के साथ-साथ बेहतर आर्थिक अवसरों के कारण है.”

भारत में कुल मिलाकर घरेलू प्रवास धीमा हो रहा है :

’40 करोड़ सपने! उच्च आवृत्ति डाटा का उपयोग करके भारत में घरेलू प्रवास की स्थिति और दिशाओं की जांच करना’ शीर्षक से जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में कुल मिलाकर घरेलू प्रवास धीमा हो रहा है. 2011 की जनगणना के अनुसार प्रवास दर कुल जनसंख्या का 37.64 प्रतिशत थी. अनुमान है कि यह अब घटकर 28.88 प्रतिशत हो गई है, ईएसी-पीएम के पूर्व चेयरमैन बिबेक देबराय ने आगे लिखा है, “यह इस बात का संकेत है कि देश में आर्थिक अवसरों में वृद्धि हो रही है.

Recent Posts

Bihar News : बिहार के इस जिले में होगा ओपन एयर थिएटर का निर्माण, फिल्मों और वीडियो एलबम की होगी शूटिंग.

Bihar Tourism : पर्यटन विभाग की ओर से बिहार के बांका जिला में तीन करोड़…

12 minutes ago

AIDS Patients in Bihar: बिहार में 88 हजार से अधिक एड्स रोगी, सरकारी अस्पतालों में मुफ्त मिल रही 635 प्रकार की दवाएं.

AIDS Patients in Bihar: बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा है कि देश…

3 hours ago

Bihar Road Ambulance : बिहार की सड़कों को दुरुस्त करेगी रोड एम्बुलेंस.

बिहार के शहरी इलाकों की तर्ज पर अब गांव की सड़कों को भी रोड एम्बुलेंस…

5 hours ago

Fact Check : खेसारी लाल यादव की हार्ट अटैक से मौत, जानें वायरल खबर की सच्चाई क्या है?

Fact Check: सोशल मीडिया पर खबरें वायरल होना एक आम बात हो गई है. कभी-कभी…

5 hours ago

समस्तीपुर में एसबीआई की एटीएम को तोड़ने का किया प्रयास.

मोरवा: प्रखंड की हलई थाना क्षेत्र अंतर्गत सारंगपुर पूर्वी पंचायत के मधुबन चौक स्थित एसबीआई…

6 hours ago