समस्तीपुर : दीपावली से पहले आतिशबाजी की तैयारियां शुरु हाे गई है. बाजार में जगह-जगह पटाखे की दुकान सज गई. अधिकांश दुकानें बिल्कुल भीड़-भाड़ वाले में इलाके में सघन आबादी के संचालित की जा रही है. जो सुरक्षा के दृष्टिकोण से काफी संवेदनशील है. स्थिति यह है कि जरा सी लापरवाही के बाद किसी भी वक्त कोई हादसा हो सकता है. ऐसे में आसपास के लोग भी हादसे की आशंका से भयभीत रहते हैं. धनी आबादी वाले इन मुहल्ले में कोई भी घटना होने पर आसानी से नियंत्रित भी नहीं किया जा सकता. शहर के गोला बाजार में सघन आबादी के बीच दर्जनों पटाखे की दुकान संचालित की जा रही हैं. इसके अलावे दुकानों के आसपास भी स्टॉल लगाकर पटाखे की बिक्री की जाती है. बजाया जाता है कि अधिकृत रूप से यहां पटाखा दुकान का संचालन नहीं होता है. इधर, जैसे जैसे दिवाली नजदीक आ रहा है. धंधेबाज सक्रिय हो गए हैं. पटाखे की अवैध दुकानों की संख्या भी बढ़ती जा रही है. बाजार बारुद की ढेर पर खड़ा है. अगर समय रहते प्रशासन अवैध दुकानदारों पर कार्रवाई नहीं की तो दिक्कतें सामने आ सकती है.
पटाखा बेचने के लिए दुकानदारों अस्थायी लाइसेंस जरूरी
प्रकाश पर्व दीपावली और छठ पर्व में पटाखा बेचने के लिए दुकानदारों को अस्थाई लाइसेंस लेना होगा. यह अस्थाई लाइसेंस सिर्फ तात्कालिक व्यवसाय करने के लिए दिया जाता है. अस्थाई लाइसेंस के लिए दुकानदारों को आवेदन करना होगा. इसके बाद विभागीय स्तर पर दुकानों का भौतिक सत्यापन किया जाएगा. सघन आबादी वाले क्षेत्र में पटाखा दुकान संचालित करने पर रोक है. दुकानदारों को सुरक्षा मानकों का पालन करना होगा.
अवैध रूप से पटाखे की दुकान संचालित करने पर विधि सम्मत कार्रवाई की जाएगी.
पटाखा बेचने के लिए अस्थाई लाइसेंस लेना अनिवार्य है. यह अस्थाई लाइसेंस सिर्फ तात्कालिक व्यवसाय करने के लिए दिया जाता है. सघन आबादी में पटाखों की बिक्री पर रोक है. जल्द ही अभियान चलाकर पटाखा दुकानों की जांच की जाएगी. अवैध रूप से पटाखे की दुकान संचालित करने पर विधि सम्मत कार्रवाई की जाएगी.