आरक्षण और जातीय जनगणना की मांग को लेकर राजद आज बिहार के 38 जिलों में धरना देगी। पटना में पार्टी ऑफिस के बाहर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव भी धरना में शामिल होंगे।
राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने शनिवार को वरिष्ठ सहयोगियों, सभी प्रमंडल प्रभारियों और महासचिवों के साथ समीक्षा बैठक की। इस दौरान कार्यक्रम की तैयारी पर मंथन किया गया। बैठक के बाद सभी पदाधिकारियों को निर्देश दिया कि धरना को सफल बनाना है।
जातीय जनगणना की मांग को लेकर पीएम से मिले तेजस्वी
प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि ‘तेजस्वी यादव और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल के साथ पीएम से मिले थे। राष्ट्रीय स्तर पर जातीय जनगणना की मांग की थी। लेकिन, केंद्र सरकार राजी नहीं हुई थी।’
तेजस्वी यादव को 17 महीने सरकार में रहने का मौका मिला था। उनकी पहल पर ही बिहार में जातीय सर्वे कराई गई। उसके आधार पर बिहार में दलितों, पिछड़ों, अति पिछड़ों के लिए आरक्षण का दायरा बढ़ा कर 65 प्रतिशत किया गया। सामान्य वर्ग के गरीबों के लिए अलग से 10 प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था की गई। भाजपा के इशारे पर आरक्षण की इस व्यवस्था को न्यायालय में चुनौती दी गई।
राज्य सरकार की वजह से कोर्ट ने रोक लगाया
जगदानंद सिंह ने यह भी कहा कि ‘राज्य सरकार के नकारात्मक रवैए और न्यायालय में सही तरीके से बातों को नहीं रखने के कारण कोर्ट ने इस पर रोक लगा दिया है। यदि इसे संविधान की नौवीं अनुसूची में शामिल कर लिया जाता है तो न्यायिक प्रक्रिया पर खुद से रोक लग जाएगी।’
उन्होंने कहा कि आरक्षण और जातीय जनगणना की मांग को लेकर सभी जिला मुख्यालयों पर धरना देंगे। आरक्षण जब तक नहीं मिलेगा, लालू प्रसाद के निर्देश और तेजस्वी यादव के नेतृत्व में राजद सड़क से लेकर सदन तक अभियान को जारी रखेगी।
जिला मुख्यालय पर धरना-प्रदर्शन
पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता चित्तरंजन गगन ने बताया कि नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव और प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह पटना में पार्टी के प्रदेश कार्यालय के बाहर धरना में शामिल होंगे। वहीं, पार्टी के अन्य नेता अपने-अपने जिला मुख्यालयों में धरना-प्रदर्शन करेंगे।
धरना के दौरान सभी जिलों के डीएम के माध्यम से राष्ट्रपति को ज्ञापन दिया जाएगा। इसके जरिए राष्ट्रीय स्तर पर जातीय जनगणना कराने और बिहार में महागठबंधन सरकार द्वारा बढ़ाए गए आरक्षण की सीमा को नौवीं अनुसूची में शामिल करने की मांग की जाएगी।