बिहार के सरकारी विद्यालयों के नामांकित शत प्रतिशत छात्र-छात्राओं को साइकिल, पोशाक, छात्रवृत्ति आदि योजनाओं की राशि वित्तीय वर्ष 2025-26 में मिलेगी। इसके लिए 75 फीसदी हाजिरी की अनिवार्यता पांच साल बाद खत्म की जाएगी। इसका फायदा डेढ़ करोड़ से अधिक बच्चों को मिलेगा। इससे पहले कोरोना के समय 2020 में यह सुविधा बच्चों को दी गई थी।

शिक्षा विभाग ने योजनाओं की राशि के लिए बच्चों की कक्षा में 75 फीसदी हाजिरी को खत्म करने का प्रस्ताव तैयार कर लिया है। इस प्रस्ताव को अनुसूचित जाति, जनजाति कल्याण विभाग तथा पिछड़ा-अतिपिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग को सहमति के लिए भेजा गया है। इस वर्ग के बच्चों के लिए राशि सम्बंधित विभागों की ओर से ही दी जाती है, इसलिए इनकी सहमति मांगी गई है।

सभी विभागों की सहमति के बाद राज्य कैबिनेट से इसकी मंजूरी ली जाएगी। इसके बाद इसे राज्य में लागू कर दिया जाएगा। साथ ही तत्काल राज्य के विद्यालयों में नामांकित सभी छात्र-छात्राओं को पोशाक की राशि का भुगतान उनके बैंक खाते में कर दिया जाएगा। शिक्षा विभाग का फैसला है कि पोशाक की राशि सत्र के शुरुआत में ही दी जाएगी, ताकि सभी बच्चों के पास विद्यालय का ड्रेस उपलब्ध रहे। कोई भी बच्चा बिना विद्यालय ड्रेस के कक्षा में उपस्थित ना रहे।


इसके बाद आगे के चरण में इसी तर्ज पर सभी नामांकित बच्चों को साइकिल और छात्रवृत्ति आदि योजनाओं की राशि का भी भुगतान किया जाएगा। राशि देने के लिए किसी बच्चे की 75 फीसदी की हाजिरी नहीं देखी जाएगी। मालूम हो कि वित्तीय वर्ष 2024-25 में 75 फीसदी हाजिरी के आधार पर करीब 95 लाख बच्चों को योजनाओं की राशि प्रदान की गयी। शेष बच्चे उपस्थिति अनिवार्यता पूरी नहीं करने के कारण इससे वंचित रह गए थे।

