Patna Highcourt : पटना हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण मामले में ऐतिहासिक फैसला सुनाया है। जस्टिस अरविंद सिंह चंदेल की खंडपीठ ने गुरुवार को स्पष्ट आदेश दिया कि अब भूमि सुधार उप समाहर्ता (डीसीएलआर) के पद पर सिर्फ बिहार राजस्व सेवा के अधिकारी ही पदस्थापित होंगे, जिन्हें प्रोन्नति मिली है। कोर्ट ने सामान्य प्रशासन विभाग को तीन महीने के अंदर सभी बीएएस अधिकारियों को डीसीएलआर पदों से हटाने का निर्देश दिया है।

कोर्ट ने कहा कि तीन माह के भीतर इस पद पर कार्यरत सभी बिहार प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों को हटाकर राजस्व सेवा के अधिकारियों को तैनात करें। न्यायमूर्ति अरविंद सिंह चंदेल की एकलपीठ ने विनय कुमार एवं 59 अन्य की ओर से दायर अर्जी पर सुनवाई के बाद यह आदेश दिया।

आवेदकों की ओर से अधिवक्ता दीनू कुमार एवं रितिका रानी ने कोर्ट को बताया कि राज्य सरकार ने वर्ष 2024-25 में बिहार रिवेन्यू सर्विस कैडर रूल 2010 के विपरीत भूमि सुधार उप समाहर्ता (डीसीएलआर) के पद पर बिहार प्रशासनिक सेवा के पदाधिकारियों को पदस्थापित कर दिया।

उनका कहना था कि आवेदकों को 2023 में डीसीएलआर के पद पर प्रोन्नति दी गई थी। उसके बावजूद उन्हे डीसीएलआर या समकक्ष के पद पर पदस्थापित नहीं किया गया।


इनकी जगह बिहार प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों को डीसीएलआर के पद पर तैनात कर दिया गया। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हवाला देते हुए कहा कि ट्रांसफर-पोस्टिंग अपने ही कैडर के लोगों से होगा न की दूसरे कैडर से। अगर एलआरडीसी के पद पर दूसरे कैडर के लोगों को पदस्थापित करना कानून गलत है।


