बिहार शिक्षा विभाग ने नया आदेश जारी किया है जिसमें बच्चों को शिक्षा के साथ-साथ विभिन्न योजनाओं के लाभ के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी दी गई है। जैसे, पहले पोशाक योजना के तहत मिलने वाले पैसे बच्चों को मिलते थे, लेकिन उनके माता-पिता पोशाक नहीं खरीद पाते थे। अब सरकार उन बच्चों को पोशाक ही उपलब्ध कराएगी। इसके साथ ही, कमजोर बच्चों के लिए विशेष कक्षाएं चलाई जा रही हैं।
शिक्षा विभाग बच्चों के हित में नए फैसले लेने की तैयारी में है। शिक्षा विभाग के एसीएस केके पाठक ने सभी सरकारी विद्यालयों के प्रधानाध्यापक को अपने स्कूल के बच्चों का बायोडाटा ई-शिक्षा कोष पर अपलोड करने का निर्देश दिया है। विभाग ने कहा है कि सभी बच्चों का आधार कार्ड अनिवार्य है। आधार कार्ड नहीं होने पर बच्चों को किताब, पोशाक, एफएलएन किट आदि योजनाओं का लाभ नहीं मिल पाएगा। किसी भी बच्चे को सरकारी योजना से वंचित न रहना पड़े, इसके लिए उनका आधार कार्ड बनवाने की जिम्मेदारी प्रधानाध्यापक को सौंपी गई है। फिलहाल, 8 जून तक स्कूलों को बंद किया गया है, लेकिन जैसे ही स्कूल खुलेंगे, सभी शिक्षकों को इस पर काम शुरू करना पड़ेगा।
शिक्षकों को मिशन दक्ष की कॉपी का मूल्यांकन करने, ई-शिक्षा कोष पोर्टल पर सभी बच्चों का डाटा एंट्री करने और बच्चों के नामांकन कार्य करने का निर्देश दिया गया है। माध्यमिक शिक्षा निदेशक ने सभी डीईओ को पत्र भेजकर जिले में प्रतिदिन 5000 बच्चों का आधार कार्ड बनवाने का लक्ष्य निर्धारित किया है। सभी स्कूलों के छात्र-छात्राओं का अनिवार्य रूप से आधार कार्ड होना चाहिए। इसके लिए विशेष शिविर लगाने की भी बात कही गई है। अधिकांश जिलों में आधार कार्ड बनाने की गति काफी धीमी है, इसलिए स्कूलों में शिविर लगाने की भी बात कही गई है।
बच्चों को सरकारी स्कूलों में सरकारी योजनाओं का लाभ लेने के लिए बायोडाटा और आधार कार्ड अनिवार्य कर दिया गया है। बिना आधार कार्ड के बच्चों को किसी भी सरकारी योजना का लाभ नहीं दिया जाएगा।