Prashant Kishore LIVE : जन सूरज पार्टी के प्रमुख और राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर (पीके) ने पटना सिविल कोर्ट में एक महत्वपूर्ण कानूनी मोड़ लेते हुए पद की प्रतिबद्धता को स्वीकार करने से इनकार कर दिया है। अदालत ने उनकी रिहाई के लिए 25,000 रुपये की निजी मुचलका की याचिका दायर की और कथित अपराध फिल्म बनाने की शर्त रखी थी। जिसे प्रशांत किशोर ने ठीक कर दिया।
![](https://samastipurtoday.in/wp-content/uploads/2024/08/MATA-CHANDRAKALA-HOSPITAL-AD-FINAL.jpg)
क्या कहा प्रशांत किशोर ने ?
प्रशांत किशोर ने अपने फैसले को लेकर स्पष्ट किया कि मैंने कोई अपराध नहीं किया। यह लोकतंत्र में आरक्षित जाति का मेरा अधिकार है। किसी भी शर्त को मेरे विरोध के अधिकार को सीमित करना होगा।
![](https://samastipurtoday.in/wp-content/uploads/2024/10/DR-GAURAV-24.jpg)
प्रशांत किशोर को गांधी मैदान में भूख हड़ताल के दौरान गिरफ्तार किया गया था। उनके खिलाफ दो मामले दर्ज किए गए। बिना अमूल्य मार्च कीमत का आरोप। गांधी मैदान में अनधिकृत भूख हड़ताल करने का मामला।
![](https://samastipurtoday.in/wp-content/uploads/2024/12/NEW-AD-DHANWANTRI.jpg)
विवाद का मूल कारण क्या है?
यह विवाद बिहार लोक सेवा आयोग की 70वीं संयुक्त प्रारंभिक परीक्षा से संबंधित प्रदर्शन से संबंधित है। अभ्यारण्य ने परीक्षा के सामान्यीकरण प्रक्रिया पर प्रश्नचिह्न लगाया। जिससे पूर्ण परीक्षा को फिर से शुरू किया गया की मांग। किशोर ने युवाओं का समर्थन करते हुए प्रशासन के खिलाफ मोर्चा खोला।
![](https://samastipurtoday.in/wp-content/uploads/2024/12/DR-MEGHA-1.jpg)
पैसिफिक टीनेजर का अधिपति से गैर लेकर-कानूनी अदालती जुर्माना और व्यक्तिगत अधिकार के बीच का संबंध अलग-अलग है। किशोर के वकील ने कहा कि यह अभिव्यक्ति और विरोध के अधिकार का मामला है। प्रशांत किशोर इस शर्त को अपने अधिकार को सीमित नहीं करना चाहते। यदि सामान के पास ज़मानत की रकम नहीं है तो उन्हें जेल भेजा जा सकता है। यह उनकी राजनीतिक सक्रियता के लिए एक बड़ा परिवर्तनकारी सिद्ध हो सकता है।