Cyber Fraud : बिहार में पिछले एक साल में 35 हजार से ज्यादा किशोर साइबर ठगी का शिकार हुए हैं। यह जानकारी चाइल्ड हेल्पलाइन नंबर 1098 पर आए कॉल से मिली है। इस हेल्पलाइन को महिला एवं बाल विकास मंत्रालय चलाता है। सोशल मीडिया और बैंक अकाउंट की वजह से सबसे ज्यादा किशोर ठगी का शिकार हो रहे हैं। साइबर ठग अक्सर लड़कियों के नाम का इस्तेमाल कर किशोरों को फंसाते हैं और उनसे पैसे ऐंठ लेते हैं। सबसे ज्यादा मामले पटना और भागलपुर में सामने आए हैं।
ठग लड़कियां बहला-फुसलाकर ठगते हैं और पैसे :
चाइल्ड हेल्पलाइन 1098 पर मिली जानकारी के मुताबिक पिछले ग्यारह महीने में बिहार में छत्तीस हजार से ज्यादा किशोर साइबर ठगी का शिकार हुए हैं। राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने बताया कि सोशल मीडिया अकाउंट वाले किशोर और जिनके नाम पर बैंक अकाउंट हैं, वे ज्यादा निशाने पर हैं। जालसाज लड़कियां बहला-फुसलाकर किशोरों से पैसे ठगते हैं। कई बार किशोर डर के कारण अपने परिजनों को इस बारे में नहीं बता पाते हैं।
किशोर होते हैं ब्लैकमेलिंग का शिकार :
दरअसल, साइबर अपराधी स्कूल-कॉलेज के लड़कों से लड़की बनकर दोस्ती करते हैं। फिर उन्हें अलग-अलग तरीकों से अपने जाल में फंसाते हैं। उनका बैंक अकाउंट नंबर हासिल कर लेते हैं और उनसे पैसे ठग लेते हैं। आयोग का कहना है कि इस तरह से ब्लैकमेलिंग का शिकार आठ हजार से ज्यादा किशोर हो चुके हैं।
इसके अलावा सोशल मीडिया पर अपनी तस्वीरें पोस्ट करने वाले किशोर भी ठगी का शिकार हो रहे हैं। करीब पांच हजार किशोर ऐसे हैं जो सोशल मीडिया पर सक्रिय रहने के कारण जालसाजों के जाल में फंस गए। साइबर अपराधी पहले दोस्ती करते हैं, फिर अगर लड़की लड़का है तो लड़की बनकर बातचीत शुरू करते हैं और अगर लड़की लड़का है तो बातचीत शुरू करते हैं। इस तरह से किशोरों को अपने जाल में फंसाते हैं।
पटना में सबसे ज्यादा ठगी :
पटना में सबसे ज्यादा 8865 किशोर साइबर ठगी का शिकार हुए। भागलपुर में 7532, मुजफ्फरपुर में 5448, गोपालगंज में 4432 और सीवान में 3542 किशोर ठगे गये। मधुबनी, वैशाली, सीतामढी, अरवल और रोहतास में भी कई किशोरों को ठगा गया है।